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रायपुर, 16 सितम्बर। नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन नाचा के संस्थापक गणेश कर और दीपाली सरावगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सँस्कृति तीज-त्यौहारों, पर्व-उत्सवों से सजी है। अनूठी परंपराओं पर धड़कता है हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति का दिल। नाचा लगातार भारत के बाहर भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। हरतालिका तीज व्रत संयुक्त राज्य अमेरिका में पूरे विधि-विधान से मनाया गया। अमेरिका में रहने वाले सभी छत्तीसगढ़ी परिवारों के लिए नाचा ने यह पूजा आयोजित की। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागन महिलाओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
श्री कर और श्रीमती सरावगी ने बताया कि त्यौहार दूरियों को मिटाते हैं। इस संस्कृति की जान हैं हमारी परंपराएं। यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ के एनआरआई परिवारों ने एक साथ पूजा की। नाचा टीम ने तीज पूरा करने आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की। श्रीमती सरावगी ने बताया कि हम अपने परिवारों और दोस्तों के लिए इस कार्यक्रम की मेजबानी करके बहुत खुश हैं जो एक ही छत्तीसगढ़ राज्य से हैं और हर साल एक ही त्योहार मनाते हैं।
श्रीमती सरावगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। कोरोना यात्रा प्रतिबंध के कारण कुछ पूजा में शामिल नहीं हो सके। छत्तीसगढ़ी पारंपरिक पवित्र प्रसाद जैसे ठेठरी, खुरमी तैयार किया गया। इसके बाद मिट्टी और रेत से भगवान शिव बनाकर पूजा हुई। जब इन परंपराओं को भक्ति-भाव में डूबकर उपवास और आराधना के साथ मनाया जाता है तो लगता है ईष्वर स्वयं आशीर्वाद देने धरती पर उतर आए हों।
श्री कर और श्रीमती सरावगी ने बताया कि हम अपने छत्तीसगढ़ी परिवारों के लिए दुनिया भर में इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करेंगे। यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि हमारे छत्तीसगढ़ एनआरआई को हमारी सांस्कृतिक और परंपरा के बारे में जानकारी है। टीम के सदस्य शशि साहू, तिजेंद्र साहू, वंदना देडसेना, नमिता कैस्थ, सोनू जोशी, निर्मल साहू, लक्ष्मीन साहू और मुनीश कैस्थ हैं। मीनल मिश्रा, अभिजीत जोशी, सरिता साहू, किरण पटेल ,शत्रुघ्न बरेठ, रुक्मणी बरेठ, रोशनी साहू, अरेश साहू, संदीपन साहू को इस आयोजन और इस पूजा को एक बड़ी सफलता बनाने में योगदान के लिए विशेष धन्यवाद।
श्री कर ने बताया कि छत्तीसगढ़ी सँस्कृति की पहचान अब अमेरिका में विशेष रूप से हो रही है। यहां के स्थानीय अमेरिकी लोग भी ठेठरी, खुरमी का स्वाद मजे से लेते हैं। इस शीतल सुरम्य वातावरण में हमारे पर्वों-उत्सवों का मजा चौगुना हो जाता है। यह पर्व यकीनन दूरियों को मिटाता है। श्री कर के घर सभी कारू भात के लिए एकत्र हुए थे। यह बहुत अच्छा अहसास था कि हम भारत से बाहर रहते हुए भी अपनी परंपरा का निर्वहन कर रहे है।
शशि साहू ने बताया कि मैंने गणेश कर और दीपाली सरावगी को हमारे समुदाय के लिए इस पूजा की मेजबानी करने के लिए कहा और मैं उनका बहुत आभारी हूं कि वे हमेशा हमारे लोगों के लिए अपना दरवाजा नाचा के माध्यम से खोल रहे हैं। यह वास्तव में हम सभी के लिए एक विशेष दिन था और हमने अपने सभी परिवारों के साथ मिलकर इसे मनाया।
नाचा की संयुक्त सचिव मीनल मिश्रा ने बताया कि दशकों बाद तीज पूजा में शामिल होना बहुत खुशी की बात है और यह परंपरा हमें हमारी मातृभूमि छत्तीसगढ़ से जोड़ेगी। मैं अपने सभी छत्तीसगढ़ परिवारों के लिए इस पूजा की मेजबानी करने के लिए नाचा के संस्थापकों को तहे दिल से धन्यवाद देती हूं।