सामान्य ज्ञान
किसी भी वस्तु का तापमान यह प्रदर्शित करता है कि वह वस्तु कितनी गर्म या कितनी ठंडी है। वस्तुओं का तापमान थर्मामीटरों की सहायता से मापा जाता है। सामान्य तापमान मापने के लिए जो थर्मामीटर प्रयोग में लाये जाते हैं, उन पर निम्र तापमान शून्य डिग्री होता है। आज के वैज्ञानिकों ने शून्य डिग्री से भी कम तापमान पैदा कर लिये हैं। निम्र तापमानों के लिए एक पैमाना विकसित किया गया है, जिसे कैल्विन पैमाना या परम तापमान पैमाना कहते हैं।
सबसे पहले ब्रिटेन के भौतिक विज्ञानी कैल्विन विलियम थाम्पसन ने परम शून्य तापमान के पैमाने का प्रारंभ किया। इसलिए निम्र ताप को नापने के लिए जो पैमाना प्रयोग किया जाता है उसे कैल्विन पैमाना कहते हैं।
सैद्धांतिक रूप से परम शून्य तापमान वह संभावित निम्रतम तापमान है, जिस पर एक गैस पहुंच सकती है। यह तापमान -273.15 सेल्सियत होता है। यह संख्या इस तथ्य पर आधारित है कि गैस का आयतन तापमान कम करने के साथ-साथ कम होता जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार गैस का आयतन समाप्त हो जाएगा, यदि उसका तापमान -273.15 सेल्सियस यानी परम शून्य तक कम कर दिया जाए। इस तापमान पर गैस के अणु पूर्ण विश्रामवस्था में आ जाएंगे और पदार्थ में कोई भी उष्मा नहीं रहेगी। वास्तविक प्रयोगों में सभी गैसें पहले द्रवों में बदलती हैं और फिर ठोस अवस्था में बदलकर परम शून्य तापमान की ओर बढ़ती हैं।