सामान्य ज्ञान
आर्गोनोमिक्स यह एक तरह का सिद्धांत होता है। अपने इस्तेमाल की चीजों तथा स्थितियों को आसान बनाने के सिद्धांत को ही आधुनिक भाषा में आर्गोनोमिक्स का नाम दिया गया है जो व्यक्ति तथा मशीनों के बीच का संबंध होता है उसमें तालमेल बिठाने के उस विज्ञान को ही आर्गोनोमिक्स कहते हैं। इस आर्गोनोमिकस् पद्धति से काम करने का मकसद बीमार घर या ऑफिस को अपने लिये स्वस्थ बनाना।
सबसे पहले आर्गोनोमिक्स की शुरुआत ऑफिस यानी किसी भी कार्यस्थल को वैज्ञानिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था, पर अब तो यह वैज्ञानिक तरीका घरों में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है ।
काम करते वक्त काम का अतिरिक्त भार हमारे शरीर के तमाम अंगों जैसे हाथ, पैर, कमर,घुटनों या फिर काफी उपर से सामान उतारते वक्त गर्दन पर भी तो पड़ता ही है। जो लोग कंप्यूटर पर चार से पांच घंटों तक काम करते हैं रोजाना उन्हें अक्सर विजनसिंड्रोम हो जाता है इस स्थिति में गर्दन से लेकर कंधे तक के हिस्से में अक्सर दर्द छोड़ देता है इसलिए यहां के हिस्से(काम करने) के लिये लाइट तथा बैठने का इंतजाम बिल्कुल सही होना चाहिए यानी लाईट तथा सिटिंग अरेंजमेंट एकदम सही होना चाहिए। इस प्रकार घर की अन्य रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों का प्रयोग भी आसान होना चाहिए ताकि इंसान को किसी प्रकार की शारीरिक परेशानी न हो।