सामान्य ज्ञान
लंगुरिया
17-Oct-2021 9:17 AM
लंगुरिया-भदावर में गाया जाने वाला लोकगीत है । भदावर के लोकगीत लंगुरिया में चंबल की माटी की सौंधी-सौंधी गंध महकती है। लंगुरिया लोकगीत करौली की कैलादेवी की स्तुति में गए जाते हैं। लांगुरिया - काल-भैरव जो कैलादेवी का गण है ,को सम्बोधित करते हुए गाए जाते हैं।
करौली नामक स्थान कैला देवी का एक मंदिर है। महिलाएं ढोलक पर थपकियां लगाते हुये नृत्य गायन में मस्त हो जाती हंै तो ग्रामीण पुरुष बांसुरी के स्वर में लंगुरियों के गीत गुनगुनाते हैं। भारतीय लोक संस्कृति में लंगुरिया का विशेष स्थान रहा है । देवी के इन लोकगीतों में नर-नारियों के मनोभावनाओं के दर्शन होते हैं - श्रद्धा और भक्ति छलकती है और परस्पर नाट्य भावना के अन्तर्गत संवाद भी सुनाई पड़ते हैं। लंगुरिया गीत को कई और नाम से जाना जाता है।