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रायपुर, 21 अक्टूबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया।
कैट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को भेजे गए एक पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक विज्ञापन अभियान पर कड़ी आपत्ति और नाराजगी जताई है जिसमें लोगों से कोविड से सुरक्षा के लिए ऑनलाइन खरीदारी करने का आग्रह किया गया है। कैट ने श्री मंडाविया से उक्त विज्ञापन को तुरंत वापस लेने और इसके प्रचार को निलंबित करने की मांग की है।
कैट ने बताया कि उक्त विज्ञापन अभियान सीधे तौर पर देश के 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों पर आघात करने वाला है और उन के खिलाफ है जबकि छोटे व्यापारी राष्ट्र की आवश्यकता के समय पर महत्वपूर्ण सेवाएं देने से कभी पीछे नहीं हटते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का यह विज्ञापन अभियान सीधे तौर पर भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकार का उल्लंघन हैं जो किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोकता है जबकि मंत्रालय का यह अभियान ऑनलाइन एवं ऑफलाइन व्यापारियों में भेदभाव करता है ।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि ऐसे समय में जब ई-कॉमर्स व्यवसाय के बारे में बहुत विवाद चल रहा है, और सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने खुद मुख्य वैश्विक ई-टेलर्स की व्यापार रणनीति के बारे में कड़ी टिप्पणी की है जिनके पास भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय का सबसे बड़ा हिस्सा है तथा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनेक मजबूत वक्तव्य दिए हैं।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि इसमें कानूनों और नियमों के अनिवार्य अनुपालन के बारे में प्रमुख ई-टेलर्स को चेताया गया है जो ई-कॉमर्स व्यवसाय को नियंत्रित कर रहे हैं को भी दरकिनार करते हुए ऐसा विज्ञापन अभियान शुरू करना स्वास्थ्य मंत्रालय का एक अवांछित और अत्यधिक भेदभावपूर्ण अभियान है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में ऑफ़लाइन व्यापारियों के योगदान को खारिज करता है तथा जिन्हें स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता रहा है।