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अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई, BBC
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने तालिबान को अपना भाई बताया है और उनके साथ काम करने पर ज़ोर दिया है.
बीबीसी की याल्दा हाकिम को दिए साक्षात्कार में उन्होंने तालिबान से हुई बातचीत, लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं की नौकरी को लेकर बात की.
हामिद करज़ई ने कहा, “ये हमारा देश है. हम इस मिट्टी की संतान हैं, हमें इसे नहीं छोड़ना चाहिए. यहां रहकर इसे बेहतर बनाना चाहिए. मैं अफ़ग़ानिस्तान से जाने वाले हर अफ़ग़ान शख़्स से वापस आने और देश का निर्माण करने की अपील करूंगा.”
उन्होंने कहा, “मैं तालिबान को भाइयों की तरह देखता हूं और मैं दूसरे अफ़ग़ान लोगों को भी भाइयों की तरह देखता हूं. हमे एक राष्ट्र हैं, इसके लोग हैं.
“सभी अफ़ग़ान लोगों ने परेशानी झेली है. तालिबान से लड़ाई के नाम पर विदेशी शक्तियों ने यहां बम बरसाएं हैं. गांवों में बम बरसाए, बच्चे मारे गए, परिवार बर्बाद हो गए. आख़िर एक अफ़ग़ान ही परेशानी झेल रहा है.”
लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं की नौकरी को लेकर तालिबान से हुई बातचीत को हामिद करज़ई ने सकारात्मक बताया.
उन्होंने कहा, “मेरी उनसे बातचीत हुई है. कई मसलों पर उनके साथ अच्छी चर्चा हुई है. महिलाओं की नौकरियों पर वापसी, स्कूल और देश का झंडा. एक ऐसी सरकार के लिए राजनीतिक प्रक्रिया की ज़रूरत जिसे सभी अफ़ग़ान अपना मानते हों.”
“हम चाहते हैं कि वो ना सिर्फ़ वापस स्कूल जाएं बल्कि विश्वविद्यालय में और नौकरी पर भी जाएं. हमारी इस बारे में तालिबान के साथ बातचीत हुई है. वो हम से सहमत हैं, वो इसे समझते हैं और उन्होंने कहा है कि ऐसा होगा. हमने कहा कि ये अभी तुरंत होना चाहिए.”
हामिद करज़ई ने अमेरिका को संदेश किया कि उन्हें और उनके सहयोगियों को अफ़ग़ानिस्तान की मदद के लिए आगे आना चाहिए.
उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ काम करना होगा क्योंकि वो आज सरकार में हैं. सुधार और एक बेहतर अफ़ग़ानिस्तान के लिए काम करना होगा. (bbc.com)