सामान्य ज्ञान
पेंग्विन एक पक्षी है, लेकिन वह उड़ नहीं सकती है। पेंग्विन नाम वेल्स टर्म से लिया गया है। इसमें पेन का अर्थ होता है सिर और ग्विन का मतलब है सफेद। यह एक ऐसा पक्षी है, जिसके पंख तो होते हैं, लेकिन उनके सहारे वह पानी में तैरता है। पेंग्विन अपने सीने की तरफ की हड्डïी और विशाल पैडल की मांसपेशियों के सहारे पानी में 25 मील प्रति घंटे की गति से अपना सफर तय कर लेती है। पेंग्विन छलांग लगाने में भी माहिर है। पेंग्विन पानी में ही अपना ज्यादातर जीवन गुजार देते हैं। जब पानी में तैरते तैरते वे बोर हो जाते हैं तो पानी में ही ठहर कर वह आराम कर लेते हैं। इनकी हड्डिïयां मजबूत और वजनदार होती हैं और पंख वाटरप्रूफ होते हैं। इसीलिए पानी में रहते हुए भी वे सूखे रहते हैं।
फैरी नाम केे पेंग्विन सबसे छोटे होते हैं। ये 16 इंच लंबे और 2.2. पाउंड वजन के होते हैं। वहीं सबसे बड़े पेंग्विन एम्पेरर पेंग्विन होते हैं। इनकी लंबाई 3. 7 फीट तक होती है और वजन होता है 60 से लेकर 90 पाउंड। पेंग्विन की 18 जातियां पाई जाती हैं। इनमें से पांच जातियां दक्षिण धु्रवीय के आस-पास निवास करती है। बाकी 13 प्रजातियां उप दक्षिण धु्रवीय द्वीपों में , ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण अमरीका के तटों पर रहती हैं। पूरी दुनिया में पेंग्विनों की संख्या करीब 100 मिलियन है।
पेंग्विन को समूह में रहना पसंद है। इनके समूह हो कोलोनीज या रुकरी कहा जाता है। मादा पेंग्विन अपना घोंसला तट पर घास पर बनाती है। उसके बाद नर पेंग्विन अंडों को अपने पैरों के पास रखकर अपनी मोटी चर्बी वाली खाल से ढंककर सेते हैं। उस समय पेंग्विन तट से दूर चले जाते हैं। दो महीने के बाद अंडों से छोटे-छोटे बच्चे निकलते हैं।