सामान्य ज्ञान
बरमूडा ट्राएंगल का इलाका दक्षिण अमेरिकी तट से लेकर बरमूडा और फिर नीचे क्यूबा और सांटो डोमिंगो के अटलांटिक तट तक फैला हुआ माना जाता है। 5 दिसंबर, 1945 में रहस्यमयी बरमूडा ट्राएंगल में अमेरिकी लोगों समेत पांच विमान खो गए थे। तब से लेकर आज तक अटलांटिक महासागर के इस इलाके की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है।
5 दिसंबर को पांच अमेरिकी नेवी अवेंजर विमानों ने फ्लोरिडा के अपने एक नेवल स्टेशन से रूटीन उड़ान भरी। उनकी यह उड़ान केवल तीन घंटे की होने वाली थी लेकिन वे कभी नहीं लौटे। उड़ान के दो घंटे बीत जाने पर इस दल का नेतृत्व कर रहे लीडर ने बताया कि उन्हें किसी भी कम्पास पर विमानों की स्थिति नहीं मिल रही है। बाकी विमानों में भी यही समस्या पैदा हुई। इस गड़बड़ी के बारे में पता लगाने और विमानों की स्थिति जानने के लिए नेवल स्टेशनों के पास के रेडियो उपकरणों की मदद ली गई लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसी अफरातफरी में दो घंटे और निकल गए और फिर उड़ान भर रहे दल के लीडर की आवाज में एक संदेश सुनाई दिया जिसमें वह अपने बाकी विमान चालकों से विमानों को छोड़ देने के लिए कहते सुने गए। तब तक एयरक्राफ्ट्स में ईंधन खत्म हो चुका था।
कई राडार स्टेशनों की तमाम कोशिशों के बाद इतना पता चल पाया कि एक विमान फ्लाइट 19 बहामास के उत्तर और फ्लोरिडा कोस्ट के पूर्वी क्षेत्र के बीच कहीं हो सकता है। तब खोज और बचाव दल 13 सदस्यीय दल के साथ उन्हें ढूंढने निकल पड़े। बचाव दल के उडऩे के 3 मिनट बाद उनका एक संदेश मिला लेकिन उसके बाद वह भी लापता हो गए।
इस तरह पहले 14 लोगों के साथ गायब हुए फ्लाइट 19 विमान और फिर उन्हें ढ़ूंढने गए 13 क्रू सदस्यों के भी लापता हो जाने से सब सकते में थे। इन सबकी तलाश अटलांटिक महासागर में कई मील के दायरे में की गई लेकिन ना तो कभी किसी विमान का पता चला और ना ही कोई शव बरामद हुआ। नेवल अधिकारियों का मानना था कि तूफानी मौसम की वजह से इन विमानों और 27 लोगों के अवशेष नहीं मिले। इस दुर्घटना पर आधारित फिल्में और कई कहानियां भी बन चुकी हैं।