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रायपुर, 12 जनवरी। अग्रसेन महाविद्यालय में योग विभाग तथा आई.क्यू.ए.सी. द्वारा संयुक्त रूप से स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय वेबिनार के दूसरे दिन आज योग आसान और प्राणायाम के महत्व तथा उपयोगिता पर चर्चा की गई। सत्र में हठयोग के साधक प्रद्युम्न शर्मा ने विभिन्न आसनों और सूर्य नमस्कार को करने की विधि और उनसे होने वाले लाभ पर विस्तार से प्रकाश डाला।
श्री शर्मा ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली के कारण हम सबकी दिनचर्या में योग और प्राकृतिक जीवन चर्या की कमी आ आ गई है। इसके प्रभाव से हम अनेक रोगों को आमंत्रित करने लगे हैं. योग के विभिन्न आसनों को हमारे शरीर के अलग अलग अंगों की क्षमता बढ़ाने के लिए बनाया गया है। साथ ही सूर्य नमस्कार हमारे स्नायु तंत्र सहित मेरुदण्ड को सक्रिय बनता है। इनके नियमित अभ्यास से शरीर और मन, दोनों प्राणवान बनते हैं। इसलिए कुछ आसनों और सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करने से हम अपने शरीर को लम्बे समय तक निरोगी बनाये रख सकते हैं।
उन्होंने हाथ, पैर, पीठ, पेट और कमर सहित विभिन्न अंगों के लिए उपयोगी आसनों की विधि बताते हुए कहा कि उम्र बढऩे के साथ शरीर की कार्य क्षमता कम होने लगती है। लेकिन यदि नियमित रूप से कुछ आसनों और सूर्य नमस्कार का अभ्यास जारी रखा जाये, तो बुढ़ापे में भी हम अपने शरीर को ऊर्जावान बनाये रख सकते हैं. साथ ही योग अभ्यास से विभिन्न रोगों से भी मुक्ति मिलती है। श्री शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में योग का महत्व एक बार फिर से प्रमाणित हो रहा है. उन्होंने कहा कि योग अभ्यास से केवल शारीरिक लाभ ही नहीं मिलता, बल्कि हमारा मन भी प्रफुल्लित और विचार सकारात्मक बने रहते हैं।