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चीन ने ब्रिटिश ख़ुफ़िया एजेंसी MI5 पर अपने पलटवार में क्या कहा?
14-Jan-2022 10:03 PM
चीन ने ब्रिटिश ख़ुफ़िया एजेंसी MI5 पर अपने पलटवार में क्या कहा?

ब्रिटेन की ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसी MI5 का कहना है कि ब्रिटेन में लॉ फर्म चलाने वाली चीनी मूल की क्रिस्टिन ली ने ब्रिटिश संसद में लॉबिंग के लिए सांसदों को पैसे दिए. लेकिन चीन का कहना है कि ऐसे आरोप ब्रिटेन में रह रहे चीनियों को बदनाम करने की कोशिश है.

ब्रिटेन की राजनीति में दखलंदाजी के आरोप से चीन में खलबली है. ब्रिटेन की खुफिया और सुरक्षा एजेंसी MI5 ने हाल में ही कहा था कि चीनी एजेंट ने ब्रिटिश पार्लियामेंट में घुसपैठ कर ली है. MI5 ने कहा है कि चीनी मूल की क्रिस्टिन चिंग कुई ली ने ब्रिटेन के मौजूदा सांसद और संसद में एंट्री की हसरत पाले नेताओं से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संपर्क बनाने में मदद की है.

इसके बाद लंदन में चीनी दूतावास ने इन आरोपों का जवाब देते हुए उल्टे MI5 को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. उसने कहा कि MI5 ब्रिटेन के चीनी समुदाय को बदनाम करने और उसके मामले में दखलदांजी की कोशिश कर रही है.

चीनी दूतावास की वेबसाइट पर जारी बयान में उसके प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि चीन हमेशा से किसी दूसरे देश के आतंरिक मामलों में दखल देने की नीति से बचता रहा है.

बयान में कहा गया है, "हम किसी भी देश में पैसे देकर वहां की संसद को न तो प्रभावित करने की कोशिश करते हैं और न ही हमें इसकी जरूरत है. हम ब्रिटेन में रह रहे चीनी लोगों को बदनाम करने और उनके मामलों में दखलदांजी जैसी चालाकियों का पुरजोर विरोध करते हैं."

MI5 का कहना है कि लंदन और बर्मिंघम में लॉ फर्म चलाने वाली चीनी मूल की क्रिस्टिन ली लेबर पार्टी के सांसद बेरी गार्डिनर समेत कई राजनेताओं को डोनेशन दिए हैं. इन लोगों को कम से कम चार लाख बीस हजार पाउंड दिए गए हैं.

MI5 ने जो अलर्ट जारी किया है, उसके मुताबिक क्रिस्टिन ली का दावा है ब्रिटेन की पार्लियामेंट से उनका जुड़ाव यहां रह रहे चीनियों का प्रतिनिधित्व करने और विविधता बढ़ाने के मकसद की वजह से है.

लेकिन MI5 का कहना है कि वह चुपचाप चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट के साथ मिलकर काम कर रही थीं.

ब्रिटिश संसद को प्रभावित करने के लिए किए जा रहे इस काम के लिए उन्हें चीन और हॉन्गकॉन्ग में रह रहे विदेशी नागरिकों से फंडिंग हो रही थी.

यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट पर आरोप है कि यह ब्रिटिश राजनीति के नामचीन चेहरों से संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है. उसका मकसद यहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करना है ताकि पार्टी पर मानवाधिकार उल्लंघन समेत दूसरे तमाम तरह के आरोप लगाने वालों को चुनौती दी जा सके.

ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि ली के ब्रिटिश संसद में मौजूद सभी पार्टियों के नेताओं से संपर्क रहे हैं. इनमें वो सर्वदलीय संसदीय समूह भी है, जिसे 'चाइनीज इन ब्रिटेन' कहा जाता है. इस पर अब पाबंदी लगा दी गई है.

MI5 ने चेतावनी दी है कि ली ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संसदीय ग्रुप बनाने की उम्मीदें पाल रखी हैं. ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा कि यह बेहद चिंता की बात है. यह जानना बेहद परेशान करने वाला है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से कोई जानबूझकर सांसदों को फांसने की कोशिश कर रहा था.

हालांकि उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के पास ऐसे विदेशी दखलंदाजियों का पता लगाने का पैमाना मौजूद है.

गार्डिनर को ली की लॉ फर्म क्रिस्टिन ली एंड कंपनी से 2014 के अंत में पैसा मिलना शुरू हुआ था. ली के बेटे लेबर पार्टी के इस सांसद के वॉलेंटियर थे. बाद में उनकी गार्डिनर के डायरी मैनेजर के तौर पर नियुक्ति की गई. गार्डिनर लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन के शैडो मिनिस्ट्री के सदस्य थे. उनका कहना है कि वह ली के लिए सुरक्षा सेवाओं के अंदर लायजनिंग करते रहे हैं.

गार्डिनर ने कहा कि उनके लिए जो रिसर्चर निुक्त किए गए थे उसमें ली की ''कोई भूमिका '' नहीं थी. ली ने जो भी डोनेशन दिया उसकी बाकायदा रिपोर्टिंग हुई है.

मिलीभगत के आरोपों पर गार्डिनर ने स्काई न्यूज से कहा, "मेरा मानना है कि ली ने जो पैसा दिया है वह संसद में मेरे काम को बेहतर बनाने के लिए था. मैं अपने इलाके में औैर बेहतर काम कर सकूं इसके लिए यह पैसा काम आया है. यह पैसा सीधे रिसर्चरों को दिया गया है. मेरे निजी लाभ के लिए यह पैसा नहीं था.

लिबरल डेमोक्रेट नेता सर एड डेवी को 5 हजार पाउंड मिले हैं. ये पैसे उन्हें तब मिले, जब वह ऊर्जा मंत्री थे. लेकिन उन्होंने कहा कि यह पैसा उनके स्थानीय एसोसिएशन ने लिए थे.(bbc.com)

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