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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर के लैपटॉप से निकले 'राज़' और उसका सच
12-May-2022 11:59 AM
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर के लैपटॉप से निकले 'राज़' और उसका सच

ये साल 2020 के अक्टूबर का महीना था. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ़ तीन हफ़्ते बाक़ी थे. मुक़ाबला डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन के बीच था.

तभी अमेरिका के मशहूर टेबलॉयड 'द न्यूयॉर्क पोस्ट' ने एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट छापी. ये यूक्रेन की एनर्जी कंपनी बुरिस्मा से जुड़ी थी. जो बाइडन के बेटे हंटर कभी इसके निदेशक थे.

इस रिपोर्ट के मुताबिक़ एक रिपेयर शॉप में आए एक लैपटॉप से कुछ ईमेल मिले. जिनसे जानकारी हुई कि जो बाइडन जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे, तब हंटर ने इस फ़र्म के एक आला अधिकारी के सामने कारोबारी रिश्तों के लिए अपने सरनेम यानी पिता के प्रभाव का इस्तेमाल किया.

रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि जो बाइडन ने बुरिस्मा के संस्थापक की जांच कर रहे यूक्रेन के एक अभियोजक को बर्खास्त कराने के लिए दबाव भी बनाया.

डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगियों के मुताबिक़ लीक हुई सामग्री से साफ़ था कि जो बाइडन 'भले ही इनकार करें लेकिन वो अपने बेटे के कारोबार से वाकिफ़ थे.'

इस लैपटॉप से कई और कहानियां और निजी तस्वीरें भी सामने आईं. लेकिन दूसरे मीडिया संस्थानों ने इस स्टोरी को ज़्यादा अहमियत नहीं दी.

न्यूयॉर्क पोस्ट के आलेख के पीछे कहीं 'विदेशी दुष्प्रचार' न हो, इस आशंका में सोशल मीडिया ने भी इस पर रोक लगा दी. उस स्टोरी को 'ब्रेक हुए' दो साल से ज़्यादा वक़्त हो चुका है. लेकिन उस पर अब तक बहस जारी है.

हंटर बाइडन के लैपटॉप में छुपे राज़ और उनके सच तक पहुँचने के पहले समझते हैं कि आख़िर वो हमेशा चर्चा में क्यों बने रहते हैं?

पॉलिटिको मैग़ज़ीन के पत्रकार बेन श्रेकिंजर कहते हैं, "हंटर बाइडन एक ऐसे व्यक्ति हैं, मानो पूरी ज़िंदगी किसी शैतान का साया उनका पीछा करता रहा है."

बेन ने एक किताब भी लिखी है, "द बाइडन्स: इनसाइड द फर्स्ट फैमिलीज़ 50 ईयर्स राइज़ टू पॉवर"

बेन याद दिलाते हैं कि हंटर के पिता जो बाइडन साल 1972 में अमेरिकी राज्य डेलावेयर से सीनेटर चुने गए. तब जो बाइडन की उम्र सिर्फ़ 29 साल थी. एक ही महीने के अंदर एक बड़े हादसे ने उन्हें हिला दिया.

जो बाइडन की पत्नी और तीन बच्चे क्रिसमस ट्री लेने जा रहे थे.

बेन बताते हैं, "हंटर बाइडन, उनके भाई बो बाइडन, छोटी बहन और मां नीलिया कार में थे. इस कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी. उस हादसे में उनकी मां और बहन की मौत हो गई. हंटर और उनके भाई को अस्पताल में दाखिल करना पड़ा."

बेन बताते हैं कि जो बाइडन ने अस्पताल से ही सीनेटर के रूप में शपथ ली. तब हंटर सिर्फ़ दो साल के थे और वो तभी से लोगों की नज़रों में आ गए.

बेन कहते हैं कि हंटर पढ़ाई में अच्छे थे. लेकिन मां की मौत का सदमा उन्हें परेशान करता रहा. उन्हें पहले शराब और फिर ड्रग्स की लत लग गई.

उनके भाई बो पहले सेना में थे और बाद में पिता के नक्शे क़दम पर चलते हुए राजनीति में आए. वो डेलावेयर के अटॉर्नी जनरल बने.

साल 2015 में बो की ब्रेन कैंसर की वजह से मौत हो गई. हंटर को इसका भी गहरा सदमा लगा.

बेन बताते हैं, "इसी बीच हंटर की अपनी पहली पत्नी से शादी टूट गई और बो की विधवा हैली के साथ उनका अफेयर सामने आया. इसे लेकर अख़बारों में ख़बरें छपीं. उनके पिता ने इस रिश्ते को अपना आशीर्वाद दिया. लेकिन ये रिश्ता भी टूट गया. उन्हें अपने बच्चे का पिता बताते हुए एक महिला ने अरकांसस में उन पर केस भी किया. इसके बाद उन्होंने मेलिसा कोइन से दूसरी शादी की. नशे की लत से बाहर आने के लिए वो उन्हें ही श्रेय देते हैं. दोनों का एक बच्चा भी है."

हंटर बाइडन सिर्फ़ अपने निजी जीवन की उथल पुथल के लिए ही चर्चा में नहीं रहते. उनके कारोबारी रिश्ते भी लोगों का ध्यान खींचते हैं.

येल लॉ स्कूल से स्नातक करने के बाद उन्होंने एमबीएनए के लिए काम किया. ये उस वक़्त डेलावेयर का सबसे बड़ा बैंक था और इसे लेकर भी वो और जो बाइडन विवादों में घिरे.

बेन बताते हैं, "देश के अख़बारों ने ध्यान दिलाया कि जो बाइडन इस बैंक के एजेंडा को आगे बढ़ा रहे हैं. ये बैंक हंटर बाइडन को पहले एक कर्मचारी और बाद में सलाहकार के तौर पर पेमेंट कर रहा था. जो बाइडन ने कहा कि हंटर ने कभी सीधे तौर पर लॉबिंग नहीं की. लेकिन जब कभी एक सीनेटर के बेटे लॉबिस्ट के तौर पर काम करते हैं तो सवाल उठते ही हैं."

बिल क्लिंटन जब राष्ट्रपति थे तब हंटर ने अमेरिका के वाणिज्य विभाग के लिए भी काम किया. राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने उन्हें सरकारी रेल ऑपरेटर एमट्रैक के बोर्ड में नामित किया. वो एक लॉबिंग फर्म के सहसंस्थापक भी रहे. यूक्रेन और चीन में भी कारोबार किया.

साल 2019 में भी वो नशे की लत से जूझ रहे थे. ये दौर ही हमें न्यूयॉर्क पोस्ट की कहानी के स्रोत तक ले जाता है. जिस वक़्त डेलावेयर की दुकान में लैपटॉप रिपेयर करने के लिए दिया गया, उस वक़्त हंटर क्या कर रहे थे?

बेन के मुताबिक़ हंटर कहते हैं कि उन्हें इस बारे में कुछ याद नहीं है. बेन कहते हैं कि जब हंटर नशे की लत में थे तब ये इकलौता लैपटॉप नहीं रहा होगा. इसके बारे में वो भूल गए हों.

डेलावेयर की रिपेयर शॉप और लैपटॉप
लॉस एंजलिस टाइम्स की व्हाइट हाउस संवाददाता कोर्टनी सुब्रमण्यम बताती हैं, "डेलावेयर में कंप्यूटर रिपेयर की उस दुकान के मालिक हैं, जॉन पॉल मैक आइज़ैक. वो दावा करते हैं कि अप्रैल 2019 में किसी ने उन्हें तीन लैपटॉप रिपेयर के लिए दिए थे."

उनके मुताबिक़ दुकान के मालिक ने बताया कि पानी गिरने से ख़राब हुए दो कंप्यूटर ठीक नहीं हो पाए. दुकान मालिक देख नहीं पाते हैं और वो पक्के तौर पर ये नहीं बता सकते थे कि लैपटॉप लेकर कौन आया था लेकिन जो व्यक्ति आया था, उसने कहा कि वो हंटर बाइडन हैं.

हालांकि हंटर कहते हैं कि उन्हें याद नहीं कि उन्होंने वो लैपटॉप उस दुकान पर दिया था. कई महीने बाद भी जब कोई लैपटॉप लेने नहीं आया तो जॉन ने उसका डेटा परखा.

कोर्टनी कहती हैं, "दुकान मालिक ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्हें जानकारी हुई कि कंप्यूटर में क्या है और ये किसका है, तब उन्होंने एफ़बीआई से संपर्क करने का फ़ैसला किया. लैपटॉप से जो कुछ सामग्री मिली उन्होंने उसकी एक कॉपी भी तैयार की. जॉन के मुताबिक़ डर ये था कि लैपटॉप की सामग्री की जानकारी कर लेने के बाद उन्हें ख़तरा हो सकता है."

हफ़्तों बाद एफ़बीआई ने लैपटॉप सील कर दिया. ये साल 2019 के दिसंबर का महीना था और तब एक बड़ी राजनीतिक ख़बर पक रही थी.

कोर्टनी बताती हैं, "डोनाल्ड ट्रंप पहले महाभियोग का सामना कर रहे थे. ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने यूक्रेन के अधिकारियों पर दबाव बनाया कि सैन्य मदद के बदले वो जो बाइडन की जांच करें. साल 2015 में बाइडन उपराष्ट्रपति थे और तब वो यूक्रेन के एक भ्रष्ट अभियोजक को हटाए जाने के प्रयासों का हिस्सा थे. ये अमेरिका की आधिकारिक नीति के तहत हुआ. लेकिन ट्रंप का दावा था कि इसका मक़सद बाइडन के बेटे को फ़ायदा पहुँचाना था. अभियोजक गैस और तेल की उस कंपनी की जांच कर रहे थे, जिससे हंटर बाइडन जुड़े हुए थे."

कंप्यूटर दुकान के मालिक जॉन ख़ुद को ट्रंप का समर्थक बताते हैं. वो भी महाभियोग की कार्यवाही देख रहे थे. जॉन के मुताबिक़ उन्हें डर था कि एफ़बीआई एजेंट सूचनाएं छुपा सकते हैं और उन्होंने हार्ड ड्राइव की एक कॉपी रूडी जूलियानी के वकील को दी.

रूडी तब ट्रंप के लिए काम कर रहे थे. सब जानते थे कि वो यूक्रेन में बाइडन से जुड़ी सामग्री की तलाश में जुटे थे. ऐसे में मीडिया संस्थानों ने एक अंधे व्यक्ति और लैपटॉप की अजीबोग़रीब कहानी पर संदेह ज़ाहिर किया.

कोर्टनी के मुताबिक़ फॉक्स न्यूज़ को ट्रंप के साथ जोड़कर देखा जाता है लेकिन उन्होंने भी कहानी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. आखिर में रूपर्ट मर्डोक के संस्थान 'न्यूयॉर्क पोस्ट' ने इसे छापा. लेकिन दूसरे पत्रकार अब भी मूल स्रोत की मांग कर रहे थे.

तब ट्रंप के सहयोगी आरोप लगाने लगे कि मीडिया ये कहानी दबाने और जो बाइडन को बचाने के षडयंत्र में शामिल है.

मीडिया की सतर्कता की वजह भी थी. साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उनमें से ज़्यादातर ने लीक मेल से जुड़ी कई कहानियां चलाई थीं जो चुनाव प्रभावित करने के रूसी अभियान का हिस्सा साबित हुईं, जिन्होंने हिलेरी क्लिंटन और डेमोक्रेट्स की छवि ख़राब की.

इस बार सोशल मीडिया ने भी पोस्ट की ख़बर को आगे नहीं जाने दिया.

कोर्टनी कहती हैं, "हमने देखा कि फ़ेसबुक और ट्विटर ने कुछ वक़्त के लिए स्टोरी से जुड़े लिंक को ब्लॉक कर दिया. इसके बाद और नाराज़गी देखी गई. ये कहा गया कि इस कहानी को दबाया जा रहा है."

ट्विटर के सह संस्थापक जैक डोर्सी ने बाद में कहा कि न्यूयॉर्क पोस्ट की स्टोरी को ब्लॉक करना एक ग़लती थी. वो लैपटॉप अब भी एफ़बीआई के पास है. लेकिन तब से अब तक कई लोग ये देख चुके हैं कि उस हार्ड ड्राइव में क्या है

लैपटॉप का डेटा
वॉशिंगटन पोस्ट के व्हाइट हाउस रिपोर्टर मैट वाइज़र बताते हैं, "इस लैपटॉप में 217 गीगाबाइट सामग्री है. इसमें 10 साल के दौरान के क़रीब 129 हज़ार ईमेल हैं. 36 हज़ार तस्वीरें हैं. पाँच हज़ार टेक्स्ट मैसेज की फाइल हैं. 13 सौ वीडियो फ़ाइल हैं."

मैट वाइज़र के पास भी उस लैपटॉप के हार्ड ड्राइव की एक कॉपी है. वो बताते हैं कि ट्रंप के सहयोगी रहे स्टीव बैनन के साथ काम कर चुके जैक मैक्सी ने उन्हें ये हार्ड ड्राइव दी. लेकिन इसमें कई दिक्क़तें नज़र आईं.

मैट वाइज़र बताते हैं, "ये कई लोगों के हाथ से गुज़रा था. हमें ड्राइव पर उनकी उंगलियों के निशान दिखाई दे रहे थे. उन्होंने फोल्डर बनाए थे, जिससे लैपटॉप की सामग्री को सिलसिलेवार तरीक़े से रखा जा सके. ये प्रामाणिक है या नहीं ये पता लगाने के लिए हमें जिस डेटा की ज़रूरत थी, उसकी जगह नया डेटा आ चुका था."

मैट के मुताबिक़ इस ड्राइव में ईमेल के अलावा भी बहुत कुछ था. इसमें हंटर बाइडन की एक महिला के साथ तस्वीरें थीं. दूसरी कई तस्वीरें भी थीं. इनमें से कुछ को अख़बारों ने छापा. ये अटकलें भी लगाई गईं इस ड्राइव में और भी ख़राब किस्म की सामग्री हो सकती है, लेकिन ऐसा कुछ कभी सामने नहीं आया.

वॉशिंगटन पोस्ट ने इस डेटा में सांठगांठ के साफ़ सबूत तलाशने की कोशिश की.

मैट वाइज़र बताते हैं, "हम ऐसी कारोबारी गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे थे, जहाँ हंटर बाइडन ने अपने पिता के नाम पर कारोबार किया हो. ऐसी बात जो ये रोशनी डाल सके कि हितों का टकराव है और वो अपने बेटे के जरिए इसमें शामिल थे."

मैट बताते हैं कि इस डेटा से हंटर और उनकी कारोबारी गतिविधियों के बारे में कुछ जानकारी मिलती हैं लेकिन ऐसा कुछ सामने नहीं आया जिससे ये संकेत मिलते कि जो बाइडन ख़ुद हंटर की कारोबारी गतिविधियों में शामिल रहे हों.

हंटर के एक व्यापारिक साझेदार ने एक और मैसेज के सही होने की पुष्टि की. इसमें चीन के व्यापारिक उपक्रम के बारे में योजना थी. ये मई 2017 में भेजा गया था.

उस वक़्त डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे और जो बाइडन व्हाइट हाउस से बाहर थे. वो किताबों की डील और भाषण देकर लाखों डॉलर कमा रहे थे. तो क्या ये ईमेल ये साबित करता है कि जो बाइडन इसमें शामिल थे?

मैट वाइज़र कहते हैं, "आरोप ये था कि हंटर जो डील करते उसका 10 प्रतिशत जो बाइडन को मिलता. राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान जिस एक ईमेल पर खासा ध्यान गया, उसे लेकर माना गया कि जो बाइडन चीन की एनर्जी कंपनी के साथ कारोबारी रिश्ते से होने वाले मुनाफे में अपने बेटे के साथ जुड़े हैं. लेकिन ऐसे कारोबारी रिश्ते कभी बने ही नहीं. और जो बाइडन को कभी 10 फ़ीसदी रकम मिलने के संकेत भी नहीं मिले."

फिर जो बाइडन ने भी इस बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया.

पारिवारिक रिश्तों की कड़ी
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल में गर्वनमेंट प्रोक्योरमेंट लॉ स्टडीज़ की असिस्टेंट डीन जेसिका टिलिपमैन कहती हैं, "मुझे लगता है कि एक कदम पीछे हटें और फिर इस मामले के बारे में सोचें. हम किस बारे में बात कर रहे हैं? यही ना कि कोई व्यक्ति अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए अपने परिवार के संपर्कों का इस्तेमाल कर रहा है."

वो कहती हैं कि लैपटॉप से मिले ईमेल संकेत देते हैं कि हंटर बाइडन ने जो ट्रेडिंग की वो साफ सुथरी भले ही ना हो लेकिन अवैध नहीं है.

जेसिका कहती हैं, "इंसान जब से नौकरी कर रहे हैं तब से ही ऐसा हो रहा है. चाहे अमेरिका के राष्ट्रपति हों या किसी छोटे शहर के मेयर, चाहे हम इसे मंजूर करें या फिर इसे अनैतिक मानें और नापसंद करें, ये एक अलग-अलग बात हो सकती है. अगर ऐसे सवाल राष्ट्रपति के बारे में हो तो मान लीजिए उन पर फैसला वोटर ही करते हैं."

हंटर बाइडन पहले शख्स नहीं हैं जिनका राष्ट्रपति से रिश्ता हो और उन्होंने हाईप्रोफ़ाइल काम हासिल किया हो.

जेसिका कहती हैं, " जहां तक मुझे याद है कैनेडी के भाई अटॉर्नी जनरल थे. लोग अलग तरह की बातों की भी आलोचना करते हैं. जेना बुश नेशनल टीवी पर दिखीं तो लोगों ने उनकी भी आलोचना की. मेरी राय में वो शानदार थीं. चाहे फिर चेलसी क्लिंटन को मिले मौके की बात करें हमारे समाज में ऐसे जोखिम तो मौजूद हैं ही. "

डोनाल्ड ट्रंप जब राष्ट्रपति थे तब भी पारिवारिक रिश्तों से फ़ायदा लेने की चर्चा होती रही.

जेसिका कहती हैं कि उस वक़्त अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपनी बेटी और दामाद को व्हाइट हाउस में नौकरी दी. उनके दामाद जेराड कुशनर हैं. हाल में जानकारी सामने आई है कि पद छोड़ने के बाद उनकी इन्वेस्टमेंट फर्म को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की अगुवाई वाले फंड से दो अरब डॉलर की रकम मिली.

वहीं, हंटर बाइडन ने माना है कि यूक्रेन की एनर्जी कंपनी बुरिस्मा ने उन्हें उनके सरनेम की वजह से साथ जोड़ा. उनके मुताबिक सरनेम सौभाग्य है तो बोझ भी है.

जेसिका कहती हैं, "आप जो बात कर रहे हैं वो ये है कि क्या इसमें किसी तरह के नैतिक मानदंड का उल्लंघन हुआ है, निश्चित ही ऐसे तथ्य हो सकते हैं जो इस फिक्र को ठीक ठहराएं . हम एक राष्ट्रपति के वयस्क बेटे के बारे में बात कर रहे हैं. साथ ही हम ये बात कर रहे हैं कि क्या ये क़ानून के ख़िलाफ़ है. "

अब वापस उसी सवाल पर लौटते हैं. हंटर बाइडन के लैपटॉप का सच क्या है? इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि मूल हार्ड ड्राइव की कॉपी में तमाम गड़बड़ी आ गई हैं.

हम जानते हैं कि हंटर बाइडन ने अपना करियर बेहतर बनाने के लिए परिवार के नाम का सहारा लिया और मीडिया के लिए ये एक बड़ी ख़बर हो सकती है.

ये भी सच है कि लैपटॉप को लेकर राजनीति भी जल्दी ख़त्म होने वाली नहीं है. अगर अमेरिकी कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत मिलता है तो संभव है कि वो इसकी जांच भी शुरू करा सकते हैं. (bbc.com)

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