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ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर शुरू हुआ सर्वे, जानें अब तक क्या कुछ हुआ
14-May-2022 10:41 AM
ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर शुरू हुआ सर्वे, जानें अब तक क्या कुछ हुआ

-अनंत झणाणे

वाराणसी की एक अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में दोबारा से सर्वे का काम शुरू हो गया है. इस संबंध में गुरुवार, 12 मई को वाराणसी की एक बेंच ने फ़ैसला सुनाया था और वीडियोग्राफ़ी कराने का आदेश दिया था.

कोर्ट के आदेश के अनुसार, शनिवार, सुबह आठ बजे सर्वे शुरू हुआ जो दोपहर 12 बजे तक जारी रहेगा. सुबह आठ बजे दोनों पक्षों के वकील और पक्षकार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के गेट नंबर चार पर पहुंचे.

सभी की मौजूदगी में मस्जिद के अंदर भी सर्वे हो रहा है

मस्जिद के आस-पास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. साथ ही गेट नम्बर चार को जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं. सर्वे के मद्देनज़र बाज़ार भी बंद हैं. इसके अलावा बनारस डीएम और प्रशासन भी कार्रवाई के लिए मौक़े पर मौजूद हैं.

इससे पहले शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद पर वाराणसी कोर्ट के फ़ैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह इस मामले में विवाद सुलझाए जाने तक यथास्थिति को बनाए रखने का आदेश दे.

क्या है मामला

पाँच महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे वाले हिस्से में माँ श्रृंगार गौरी की पूजा और दर्शन करने की मांग की थी. साथ ही उन्होंने प्लॉट नंबर 9130 के निरीक्षण और वीडियोग्राफी की मांग भी की थी जिसे मंज़ूर करते हुए कोर्ट ने निरीक्षण और उसकी वीडियोग्राफी के आदेश दिए थे.

लेकिन, ज्ञानवापी मस्जिद में पिछले शुक्रवार को निरीक्षण और वीडियोग्राफी का काम किया जा रहा था, जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया था.

मस्जिद के पीछे चबूतरे में माँ श्रृंगार गौरी और दूसरे देवी-देवताओं के सत्यापन और उनके अस्तित्व को स्थापित करने के लिए शुक्रवार दोपहर को कोर्ट से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने निरीक्षण शुरू किया था.

लेकिन शनिवार को एडवोकेट कमिश्नर की निष्पक्षता को लेकर अंजुमन इन्तिज़ामिया मसाजिद के वकीलों ने अदालत में अर्ज़ी दाखिल की थी. उनकी मांग थी कि अजय कुमार को हटाकर कोर्ट या तो ख़ुद निरीक्षण करे या फिर किसी दूसरे वरिष्ठ वकील से करवाए.

इसके बाद पाँच याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने भी कोर्ट में अर्ज़ी दी थी कि अंजुमन इन्तिज़ामिया मसाजिद के आरोप पूरी तरह से झूठे और निराधार हैं. अपने जवाबी आवेदन में उन्होंने कहा कि ये मस्जिद की तरफ़ से एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई को बाधित करने की कोशिश है. (bbc.com)

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