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अगर एक्टर नहीं बनते तो किसानी या राजनीति में होते पंकज त्रिपाठी
23-Jun-2022 1:09 PM
अगर एक्टर नहीं बनते तो किसानी या राजनीति में होते पंकज त्रिपाठी

नई दिल्ली, 23 जून | बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी आज सिनेमा की दुनिया में जहां हैं, वहां पहुंचने में उन्हें लगभग दो दशक लग गए। अभिनेता ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर वह शोबिज की दुनिया में नहीं होते, तो वह किसान होते या राजनीति में अपना करियर बना रहे होते।

पंकज वर्तमान में अपनी अपकमिंग फिल्म 'शेरदिल : द पीलीभीत सागा' की रिलीज के लिए तैयार हैं, जो सच्ची घटनाओं से प्रेरित है।

आईएएनएस से बातचीत में पंकज त्रिपाठी ने कहा, "मैं अगर एक्टर नहीं होता, तो किसान होता। मेरे पिता किसान थे और यह मेरा पुश्तैनी काम था। मैं खेती करता या शायद मैं राजनीति में होता।"

45 वर्षीय स्टार पंकज त्रिपाठी ने 2004 में 'रन' और 'ओंकारा' में एक छोटी भूमिका के साथ शुरूआत की थी, लेकिन उनको सफलता साल 2012 में 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली।

पंकज त्रिपाठी ने 'फुकरे', 'मसान', 'निल बटे सन्नाटा', 'बरेली की बर्फी', 'न्यूटन', 'स्त्री', 'लूडो' और 'मिमी' जैसी फिल्मों में शानदार काम किया।

इसके अलावा, पंकज ने 'मिर्जापुर', 'क्रिमिनल जस्टिस', 'योर्स ट्रूली' और 'क्रिमिनल जस्टिस : बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स' जैसी वेब सीरीज में भी काम किया।

एक्टर ने कहा, "मेरा एक्टिंग करियर एक लंबी कहानी है। मुझे इस लाइन में दिलचस्पी थी और इसके लिए मैंने खेती और छात्र राजनीति छोड़ दी और सिनेमा की तरफ आ गया। मुझे नहीं पता कि मैं सफल हूं या नहीं, लेकिन मुझे यहां तक पहुंचने में 15-20 साल लग गए।"  (आईएएनएस)

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