सामान्य ज्ञान
1978 से चल रहे राष्ट्रीय जल-विज्ञान संस्थान का मुख्यालय रुडक़ी (उत्तराखंड) में है। फील्ड सबंधी अनुसंधान कार्य के लिए संस्थान के चार क्षेत्रीय केंद्र बेलगाम, जम्मू, काकीनाड़ा और सागर में तथा बाढ़ प्रबंधन अध्ययन के लिए दो केंद्र गुवाहाटी और पटना में स्थित है।
संस्थान के उदेश्य हैं-1. देश में स्थायी जल संसाधन विकास में योगदान देने के लिए जल विज्ञान के सभी पहलुओं पर आधारभूत, अनुप्रयुक्त और रणनीतिक अनुसंधान को अपनाना, सहायता देना, बढ़ावा देना और उनका समन्वय करना। 2. ज्ञान और सूचना के भंडार के रूप में काम करना और उसे देश भर में फैलाना। 3. जल विज्ञान के विशिष्ट क्षेत्रों के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, मानव संसाधन विकास और संस्थागत विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में काम करना। 4. जल विज्ञान के क्षेत्र में परामर्श के जरिए उपयोगकर्ता द्वारा परिभाषित और मांग द्वारा निर्देशित अनुसंधान कार्य करना, और 5. उपरोक्त उद्देश्यों की प्राप्ति में उपयुक्त राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से सहयोग और समन्वय करना। इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए संस्थान ने जल विज्ञान में आणविक अनुप्रयोग, जल गुणवत्ता प्रयोगशाला और दूरसंवेदी एवं जीआईएस अनुप्रयोग प्रयोगशाला के क्षेत्रों में विश्व स्तरीय प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं। यह संस्थान इन्कोह (आईएचसीओएच) के सचिवालय का काम भी देख रहा है ।