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पाकिस्तानी मंत्री ने क्यों कहा 'दूसरे देश में जाकर बच्चे पैदा करें मुसलमान'
22-Jul-2022 7:52 PM
पाकिस्तानी मंत्री ने क्यों कहा 'दूसरे देश में जाकर बच्चे पैदा करें मुसलमान'

पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल क़ादिर पटेल ने बढ़ती आबादी से निपटने के लिए सुझाव दिया है कि जो लोग अधिक बच्चों की चाहत रखते हैं, वे ऐसे देशों में जाकर बच्चे पैदा करें जहाँ मुसलमान अल्पसंख्यक हैं.

अब्दुल क़ादिर पटेल विश्व जनसंख्या दिवस के एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान की आबादी पर बात कर रहे थे.

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या पर जारी की गई अपनी रिपोर्ट 'वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉसपेक्ट्स 2022' में कहा था कि इस साल के नवंबर महीने तक दुनिया की आबादी आठ अरब हो जाएगी.

इसी रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि भारत अगले साल सबसे ज़्यादा आबादी वाले देशों की सूची में अव्वल स्थान पर होगा और चीन दूसरे स्थान पर आ जाएगा. वहीं, पाकिस्तान की आबादी 2050 में जाकर 36 करोड़ के आंकड़े को पार करेगी.

ऐसे में सवाल ये है कि पाकिस्तान में आबादी नियंत्रित करने के मुद्दे पर इतनी चिंता क्यों बढ़ गई है?

पाकिस्तान की सांसद समीना मुमताज़ ज़हरी ने एक कार्यक्रम के दौरान इस सवाल का कुछ हद तक जवाब दिया है. समीना बलूचिस्तान आवामी पार्टी (बीएपी) की सदस्य हैं.

उन्होंने कहा, "आंकड़ों के मुताबिक़, पाकिस्तान कुल क्षेत्रफल के लिहाज़ से दुनिया का 33वां सबसे बड़ा देश है लेकिन जब बात आबादी की हो तो वो दुनिया का पाँचवां सबसे बड़ा देश है. पाकिस्तान में मौजूदा आबादी के हिसाब से भी संसाधनों की भारी कमी है और देश का हर नागरिक इनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है."

पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री के बयान में भी बढ़ती आबादी के प्रति यही चिंता दिखती है.

पाकिस्तान आबादी
अब्दुल क़ादिर ने कहा, "पाकिस्तान की आबादी 2030 तक 285 मिलियन (यानी 28.5 करोड़) हो जाएगी, जो एक चिंताजनक स्थिति है. हम अल्लाह की मख़लूक़ कम नहीं करना चाह रहे, हम मुसलमान कम नहीं करना चाह रहे. हम मुसलमान को बेहतर बनाना चाह रहे हैं. हम मुसलमान को पढ़ा-लिखा और सेहतमंद बनाना चाह रहे हैं."

"अक्सर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमारी बात से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते, जो कहते हैं कि अल्लाह दे रहा है और उसे हम बढ़ा रहे हैं... तो मैंने कहा कि आप किसी ऐसे मुल्क में जाकर इतने बच्चे पैदा करो न, जहाँ मुसलमान माइनॉरिटी हों. यहाँ तो हम लोग वैसे ही बहुत हैं..."

पाकिस्तान में ब्रिटेन के उच्चायुक्त क्रिश्चियन टर्नर ने भी चिंता ज़ाहिर करते हुए ये बताया कि मुल्क की आबादी अगले 30 साल में दोगुनी हो जाएगी, जिससे देश के संसाधनों पर पहले से पड़ रहा बोझ और बढ़ जाएगा.

बढ़ती आबादी को रोकने के लिए उन्होंने पाकिस्तान में परिवार नियोजन के मुद्दे पर अधिक बातचीत की ज़रूरत को महत्वपूर्ण बताया.

पाकिस्तान की आबादी
वर्ल्ड बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की आबादी 22 करोड़ 52 लाख के क़रीब है. इनमें से 11 करोड़ 58 लाख से अधिक पुरुष और 10 करोड़ 93 लाख से अधिक महिलाएं हैं, जो कुल आबादी का 48 फ़ीसदी है.

लिंगानुपात की बात करें तो पाकिस्तान में प्रति 100 महिलाओं पर 105 पुरुष हैं. साल 1950 में ये अनुपात प्रति 100 महिलाओं पर क़रीब 120 पुरुष था.

वहीं इसी साल भारत में जारी नेशनल फ़ैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार लिंगानुपात के मामले में देश में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं. अब भारत में प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1020 तक पहुंच गई है.

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट 'वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉसपेक्ट्स 2022' के अनुसार 2050 तक पाकिस्तान की आबादी में 56 फ़ीसदी का इजाफ़ा होगा और ये 36.6 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी.

पाकिस्तान में पहली बार साल 1998 में जनगणना कराई गई थी. उस समय से लेकर 2017 तक पाकिस्तान की आबादी में 57 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई और ये 21 करोड़ के पास पहुँच गई.

पाकिस्तान की आबादी
इतना ही नहीं उस समय से अब तक ब्राज़ील को पीछे छोड़ते हुए पाकिस्तान दुनिया का पाँचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया. उससे पहले चीन, भारत, अमेरिका और इंडोनेशिया थे.

भारत से अलग होने के बाद साल 1950 में पाकिस्तान की आबादी 3.3 करोड़ थी और उस समय वो जनसंख्या के लिहाज से दुनिया में 14वें स्थान पर था.

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पाकिस्तान में प्रजनन दर
प्रजनन दर वो अहम पैमाना है, जिससे ये पता लगाया जाता है कि किसी देश या राज्य में जनसंख्या विस्फ़ोट की स्थिति है या नहीं.

पाकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जो आंकड़े हैं उसके अनुसार मुल्क में औसतन हर महिला 3.6 बच्चों को जन्म दे रही है. बात मुस्लिम देशों की हो तो पाकिस्तान दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है. लेकिन इसके बावजूद गर्भनिरोधक के प्रसार दर के मामले में पाकिस्तान दक्षिण एशिया के भी सबसे निचले पायदान वाले देशों में से एक है.

वहीं नेशनल फ़ैमिली हेल्थ सर्वे के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल प्रजनन दर 2.0 है.

विश्व बैंक के आंकड़ों को देखें तो पाकिस्तान की कुल आबादी में करीब एक करोड़ वरिष्ठ नागरिक हैं यानी जिनकी उम्र 65 या उससे अधिक है. इसमें से 49 लाख के क़रीब महिलाएं हैं.

पाकिस्तान में चिंता क्यों?
जानकार मानते हैं कि बढ़ती आबादी की तुलना में देश के संसाधनों के बेहतर होने की रफ़्तार सुस्त है. पाकिस्तान में 15 से 64 साल की उम्र के बीच 13 करोड़ 75 लाख के क़रीब आबादी है. देश में 15 साल से अधिक उम्र की कामकाज के योग्य आबादी के केवल 49.4 फ़ीसदी हिस्से के पास ही रोज़गार है, यानी करीब 51 फ़ीसदी कामकाजी के पास नौकरी नहीं है.

शिक्षा के क्षेत्र में भी पाकिस्तान दुनिया के टॉप देशों में दूसरे स्थान पर है.

यूनिसेफ़ पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 5-16 साल के तकरीबन 2 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा रहे. ये तब है, जब इस उम्र के बच्चों का देश की कुल आबादी में 44 का फ़ीसदी योगदान है.

देश की आबादी और विकास के बारे में पाकिस्तानी एक्सपर्ट शाहिद जावेद बुर्की बताते हैं कि कैसे इस मुल्क की आबादी बहुत युवा है. उनका कहना है कि विश्व की जनसंख्या की औसत उम्र क़रीब 31 वर्ष है, जिसका मतलब आधी जनसंख्या उससे कम आयु की है. वहीं, पाकिस्तान की औसत आयु क़रीब 24 साल है.

लेकिन रोज़गार-सुविधाओं की तलाश में पाकिस्तान के कुछ शहरों में अब क्षमता से कहीं गुना अधिक लोग रह रहे हैं.

डिप्लोमैट वेबसाइट में छपे एक लेख में बताया गया है कि कैसे 20 फ़ीसदी से अधिक पाकिस्तानी देश के केवल 10 बड़े शहरों में ही रह रहे हैं. कराची और लाहौर पाकिस्तान के वे शहर हैं जिनपर आबादी का बोझ सबसे ज़्यादा है. (bbc.com)

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