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पाकिस्तान की समीना बेग दुनिया भर में छाईं, रचा इतिहास
23-Jul-2022 6:02 PM
पाकिस्तान की समीना बेग दुनिया भर में छाईं, रचा इतिहास

photo/@Everest Today

पाकिस्तान की पर्वतारोही समीना बेग ने दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के2 को फ़तह कर इतिहास रच दिया है.

समीना बेग के2 के शिखर पर पहुँचने वाली पाकिस्तान की पहली महिला बन गई हैं. दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है.

समीना बेग की टीम में छह महिलाएं थीं, जिनमें दो पाकिस्तानी, एक ईरान, सऊदी अरब, ओमान और ताइवान से शामिल हैं.

समीना शुक्रवार सुबह गिलगित-बाल्तिस्तान में स्थित कराकोरम रेंज के 8611 मीटर ऊंचे इस पर्वत के शिखर पर पहुंचीं.

इसके बाद पाकिस्तान के लिए एक और ख़ुशख़बरी आई. पर्वतारोहियों की टीम में शामिल एक और पाकिस्तानी महिला नैला कियानी भी के2 के शिखर पर पहुँच गईं.

वहीं, शुक्रवार को ही ईरान की अफ़्सानेह हेसामीफर्द भी के2 के शिखर पर पहुंचने वालीं ईरान की पहली महिला पर्वतारोही बनीं. उन्होंने इस साल मई में माउंट एवरेस्ट पर जीत हासिल की थी.

साल 2013 में समीना बेग दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली पाकिस्तानी महिला बनी थीं.

समीना गिलगित बाल्तिस्तान में हुन्ज़ा घाटी की रहने वाली हैं और उन्होंने 15 साल की उम्र में अपने भाई के साथ पर्वतारोहण शुरू किया था. वह साल 2009 से पेशेवर पर्वतारोही बन गई हैं.

पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर भी लोग समीना बेग को उनकी उपलब्धी के लिए बधाइयां दे रहे हैं.

पर्वतारोहियों के समूह में अमेरिका, लेबनान, नेपाल, फिलिपींस, एस्टोनिया, तुर्की, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, हॉन्ग-कॉन्ग, अर्जेंटीना और ब्रिटेन के पर्वतारोही भी शामिल थे.

पीएम और राष्ट्रपति ने दी बधाई
गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र में अलग-अलग ऊंचाई वाली चोटियों पर पर्वतारोहण के लिए इस साल सैकड़ों विदेशी पर्वतारोही पहुंचे हैं.

के2 पर पर्वतारोहण को बहुत चुनौतीपूर्ण माना जाता है. यहां 200 किमी. प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलती हैं और तापमान माइनस 60 डिग्री सेल्सियस होता है.

समीना बेग की सफलता पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने उन्हें बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ''दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के2 के शिखर पर पहुँचने वालीं पहली पाकिस्तानी महिला समीना बेग और उनके परिवार को बधाई.''

उन्होंने कहा कि समीना दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस का प्रतीक बन गई हैं. उन्होंने साबित किया है कि पाकिस्तानी महिलाएं पर्वतारोहण के मामले में पुरुषों से पीछे नहीं हैं.

वहीं, राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ़ अल्वी ने भी समीना बेग को बधाई दी. उन्होंने कहा, ''आज सुबह दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के2 के शिखर पर पहुंचने के लिए समीना बेग और नेला कियानी को बधाई. पुरुषों के साथ सभी क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाने वालीं महिलाओं पर गर्व है.''

माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है और के2 दूसरे नंबर पर आता है. लेकिन के2 को ज़्यादा ख़तरनाक क्यों माना जाता है?

के2 का मौसम बहुत ही अनिश्चित रहता है. के2 पर सिर्फ़ पेशेवर पर्वतारोही ही जाते हैं. अगर नेपाल के सभी शेरपाओं को हटा दें और एवरेस्ट पर सोलो चढ़ना हो तो यह सबसे मुश्किल है. के2 पाकिस्तान में है. दोनों अलग-अलग पर्वत हैं. एवरेस्ट 9000 मीटर ऊँचा है.

जानकारों के मुताबिक के2 पर एक सीज़न में मुश्किल से 50 लोग चढ़ पाते हैं, जबकि माउंट एवरेस्ट पर 2000 लोग. इससे भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि के2 कितना मुश्किल है.

इससे पहले नेपाल के निर्मल पुर्जा के नेतृत्व में पिछले साल 10 नेपालियों ने 17 जनवरी को सर्दी में पहली बार 28,251 फुट ऊँचे K2 को फ़तह किया था. K2 काराकोरम रेंज का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है, लेकिन इसे सबसे ख़तरनाक माना जाता है.

सर्दी के मौसम में निर्मल पुर्जा की टीम से पहले कोई नहीं चढ़ पाया था. इस टीम में निर्मल पुर्जा एकमात्र थे, जो नेपाल के चर्चित शेरपा समुदाय से नहीं थे. निर्मल मगर (नेपाल का एक समुदाय) हैं और ब्रिटिश गोरखा ब्रिगेड में सैनिक थे.

K2 पर बसंत और गर्मी के मौसम में भी चढ़ना आसान नहीं है, लेकिन निर्मल की टीम ने इसे सर्दी के मौसम में लाँघ दिया था.

K2 पर चढ़ने की कोशिश करने वालों में से लगभग हर छह में से एक की मौत हो जाती है जबकि माउंट एवरेस्ट में मौत का औसत लगभग 34 में एक है. (bbc.com)

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