सामान्य ज्ञान
भारत की आजादी की लड़ाई में कई आंदोलन हुए। उनमें से एक अहम आंदोलन अगस्त क्रांति था। वर्ष 1942 में 8 अगस्त को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया था।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में भारत छोड़ो आंदोलन बहुत ही महत्वपूर्ण है। द्वितीय विश्व युद्ध में इंग्लैंड को बुरी तरह उलझा देख भारतीय नेताओं ने इसे आजादी का आंदोलन छेडऩे का सही समय पाया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिन्द फौज को दिल्ली चलो का नारा दिया तो महात्मा गांधी ने भी 8 अगस्त की रात बंबई से भारत छोड़ो आंदोलन का ऐलान किया। उन्होंने लोगों से करो या मरो की मांग की। हालांकि इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. भारत को जल्द ही आजादी दिलाने के लिए अंग्रेज़ शासन के विरुद्ध यह एक बड़ा नागरिक अवज्ञा आन्दोलन था। 9 अगस्त को भोर में ही ऑपरेशन जीरो ऑवर के तहत गांधी, सरोजिनी नायडू और सरदार पटेल समेत कांग्रेस के सभी महत्वपूर्ण नेता गिरफ्तार कर लिए गए। 19 अगस्त को आंदोलन के दौरान लाल बहादुर शास्त्री को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इस आंदोलन में सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों घायल हुए और जेल गए। भारत छोड़ो आंदोलन में पूरे देश ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, नौजवान कॉलेज छोडक़र आंदोलन में कूद पड़े और जेल का रुख किया।
इस आंदोलन से भारत को सीधे स्वतंत्रता भले ना मिल पाई हो लेकिन इसका भारी असर जरूर पड़ा। इस देशव्यापी आंदोलन के बाद अंग्रेज सरकार को इतना अंदाजा जरूर हो गया था कि भारत में उनके दिन अब लद गए। पांच साल बाद 1947 में आखिरकार भारत को आजाद कर दिया गया।