सामान्य ज्ञान
राजस्थान के उत्तर पूर्वी रेगिस्थान में स्थित शेखावाटी, भारतीयों के लिए बहुमूल्य ऐतिहासिक स्थल है। महाकाव्य महाभारत में इस स्थान से संबंधित कई संदर्भ मौजूद है, कहा जाता है कि हिन्दुओं के पवित्र वेद ग्रन्थ यहां लिखे गए थे। शेखावाटी का नाम शेखावाटी राजपूतों के नाम पर रखा गया जो इस प्रदेश के प्रमुख शासनकार थे।
अपनी चित्रित हवेलियों, महलों और अन्य कई एतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध शेखावाटी को ऑपन आर्ट गैलरी ऑफ़ राजस्थान के नाम से भी जाना जाता है। नदीने प्रिंस हवेली, मोरारका हवेली म्यूजियम, डॉ.रामनाथ.ए.पोद्दार हवेली म्यूजियम, जगन्नाथ सिंघानिया हवेली और खेत्री महल यहाँ के प्रमुख आकर्षक स्थल है।
1802 में बनाई नदीने प्रिंस हवेली के नये मालिक एक फ्रांसीसी कलाकार ने इसे आर्ट गैलरी और सांस्कृतिक केंद्र में परिवर्तित कर दिया है। डॉ.रामनाथ.ए.पोद्दार हवेली म्यूजियम में राजस्थानी संस्कृती को दर्शाते कई चित्र मौजूद है। मोरारका हवेली म्यूजियम लग भग 250 साल पुराना किला है, जब की खेत्री महल 1770 में बनी बहुमूल्य एतिहासिक धरोहर है, हम यहां प्राचीन वास्तुकला देख सकते हैं।
मंडवा, मुकुंदगढ़ और दुन्द्लोद के किले शेखावाटी के प्रमुख किलों में से है। पर आज मंडवा का किला हेरिटेज होटल बन गया है, जब कि दुन्द्लोद किला यूरोपियन चित्रों के बहुत बड़े संग्रहालय के रूप में परिवर्तित हो गया है। मुकुंदगढ़ किला 8 हजार वर्ग मीटर में फैला है और इसके विशाल बरामदे, आंगन और बारजे देखने लायक है। इनके अलावा यहां पर बनी कई मस्जिदें और हिरण अभयारण्य देखने योग्य स्थान है।