अंतरराष्ट्रीय
सऊदी अरब की सरकारी कंपनी ने रूस की तीन प्रमुख ऊर्जा कंपनियों में बड़ा निवेश किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अरबपति प्रिंस अलवालीद बिन तलाल के नियंत्रण वाली सऊदी अरब किंगडम होल्डिंग कंपनी ने फरवरी से मार्च महीने के दौरान रूसी कंपनियों में 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया है.
ये जानकारी सऊदी कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग के बाद सामने आई है. रूस की ये तीनों कंपनियां हैं गज़प्रोम, रोज़्नेफ़्ट और लुकोइल.
माना जा रहा है कि सऊदी अरब का ये निवेश सस्ती दरों पर हुआ है लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर लगी अमेरिकी पाबंदियों के मद्देनज़र इन सौदों को देखा जा रहा है.
सऊदी अरब और खाड़ी के दूसरे देशों का अभी तक ये रुख रहा है कि वे यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस की कार्रवाई में तटस्थ हैं. इससे रूस को अलग-थलग करने की नीति पर आगे बढ़ रहे पश्चिमी देशों में निराशा का माहौल भी है.
सऊदी अरब की सरकारी कंपनी ने फरवरी और मार्च में गज़प्रोम, रोज़्नेफ़्ट और लुकोइल में क्रमश: 365 मिलियन डॉलर, 52 मिलियन डॉलर और 109 मिलियन डॉलर का निवेश किया है.
सऊदी अरब ने निवेश के लिए अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीप्ट्स का इस्तेमाल किया है. रेगुलेटरी फाइलिंग में सऊदी कंपनी ने निवेश के फ़ैसले की कोई बड़ी वजह नहीं बताई है.
किंगडम होल्डिंग कंपनी में सऊदी अरब के सॉवरेन वेल्थ फंड की 16.9 फीसदी की हिस्सेदारी है जिसकी कमान क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के हाथों में है. (bbc.com)