अंतरराष्ट्रीय
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तारीफ़ की है.
भारत की ओर से तोहफ़े में डोर्नियर विमान मिलने के मौके पर विक्रमसिंघे ने ये भी कहा कि श्रीलंका को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनवाने में नेहरू ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई.
रानिल विक्रमसिंघे ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद कहा.
इस विमान को श्रीलंकाई वायु सेना के 15 सदस्य उड़ा सकेंगे, जिन्हें चार महीनों तक भारत में खासतौर से प्रशिक्षण दिया गया है.
विक्रमसिंघे ने सोमवार को भारत के स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ का ज़िक्र करते हुए कहा कि वो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रसिद्ध 'नियति से वादा' भाषण से प्रेरित हैं, जो भारत की आज़ादी की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त, 1947 को दिया गया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार इस कार्यक्रम के दौरान विक्रमसिंघे ने कहा , "ये भाषण पंडित नेहरू द्वारा तय किया गया आगे का रास्ता दिखाता है. भारत ने इसे समझा और आज वो विश्व शक्ति बन रहा है और ये अब भी उत्थान पर है. शताब्दी के मध्य में जब हम वहां नहीं रहेंगे, तो आप वैश्विक मंच पर प्रभावी भूमिका निभाते हुए एक शक्तिशाली भारत को देख सकते हैं."
विक्रमसिंघे ने कहा कि नेहरू ने श्रीलंका को संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा बनवाने में अहम भूमिका निभाई थी और पूरा सहयोग दिया था. उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि रहे वी कृष्ण मेनन ने विक्रमसिंघे के पिता की मदद की थी.
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अपने देश के उभरते हुए नेताओं को भारतीय सहयोगियों को अच्छी तरह से जानने की सलाह भी दी.
उन्होंने कहा, "आप उन्हें अच्छे से समझिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कई मुद्दों को समझना आपने के लिए मुश्किल होगा. भारत श्रीलंका का करीबी पड़ोसी है, हमारे मुद्दे पर एक समान हैं. हमारा उनसे बात करना ज़रूरी है." (bbc.com)