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हिंदी बनाम साउथ की फ़िल्मों के विवाद में 'ऑस्कर' की एंट्री
18-Aug-2022 9:54 PM
हिंदी बनाम साउथ की फ़िल्मों के विवाद में 'ऑस्कर' की एंट्री

 

सिनेमा जगत में पिछले कई महीनों से दक्षिण भारतीय सिनेमा बनाम बॉलीवुड का मुद्दा हावी है. इस बहस में फ़िल्मों की कमाई, कहानी, एक्शन से लेकर 'पैन इंडिया' जैसे जुमलों का इस्तेमाल हुआ.

सोशल मीडिया पर लोग इस पर बहस करते नज़र आते हैं कि दक्षिण की फ़िल्में देश भर में अच्छी कमाई कर रही हैं जबकि बॉलीवुड की फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर औंधे मुंह गिर रही हैं.

अब इस बहस में फ़िल्म निर्माता अनुराग कश्यप के 'लोगों के पास पैसे नहीं हैं' वाले बयान और 'ऑस्कर' वाले बयान ने चर्चा को एक अलग दिशा दे दी है.

उन्होंने 'बॉलीवुड नाउ' को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "आपको क्या मालूम है कि साउथ की कितनी फ़िल्में नहीं चल रही हैं. सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों के पास पैसे नहीं हैं ख़र्च करने के लिए.''

वहीं, गलाटा प्लस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने ऑस्कर पर भी बात की. उन्होंने इस इंटरव्यू में 'द कश्मीर फ़ाइल्स' के बारे में जो कहा उस पर फ़िल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की प्रतिक्रिया भी आई है.

उनका कहना है कि बॉलीवुड में 'जेनोसाइड डिनायर लॉबी' ने 'दोबारा' निर्माता के नेतृत्व में 'द कश्मीर फ़ाइल्स' ऑस्कर में न जाए इसके लिए अभियान चलाना शुरू कर दिया. 'दोबारा' के निर्देशक अनुराग कश्यप हैं.

क्या है ऑस्कर से जुड़ा पूरा मामला
अनुराग कश्यप ने गलाटा प्लस को दिए इंटरव्यू में ऑस्कर में फ़िल्म भेजे जाने के बारे में कहा, ''पश्चिम में लोग आरआरआर को अलग तरह से देखते हैं और उन्हें यह फ़िल्म काफी पसंद आई. अगर आरआरआर को चुना जाता है तो 99 प्रतिशत इस बात की संभावना है कि इसका चयन अकेडमी अवॉर्ड के लिए हो."

उन्होंने कहा, ''आरआरआर ने हॉलीवुड की दुनिया में ऐसा प्रभाव पैदा किया है कि अगर हम आरआरआर का चयन करते हैं तो भारत को अंतिम पांच फ़िल्मों में नामांकन में जगह मिल सकती है. हालांकि, मुझे नहीं पता कि किसका चयन होगा, कहीं 'कश्मीर फ़ाइल्स' को न चुन लें.''

अनुराग कश्यप ने 'आरआरआर' की तारीफ़ करते हुए कहा कि पश्चिम में लोगों को यह फ़िल्म 'मार्वल की फ़िल्म से भी ज़्यादा अच्छी लगी' है. अनुराग कश्यप ने कहा कि लोगों को न केवल फ़िल्म के एक्शन दृश्य ही अच्छे लगे हैं बल्कि वो डांस को भी पसंद कर रहे हैं.

विवेक अग्निहोत्री की फ़िल्म 'द कश्मीर फ़ाइल्स' काफ़ी चर्चा में रही. कमाई के लिहाज से भी यह फ़िल्म सफल साबित हुई. इस फ़िल्म में कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी से भागने की कहानी और उनके दर्द को दिखाया गया है.

हालांकि इस फ़िल्म की कहानी को लेकर काफ़ी विवाद भी रहा. नेताओं से लेकर आम लोग तक इसकी कहानी की सच्चाई पर बंटे हुए दिखे थे. वहीं, विवेक अग्निहोत्री इस फ़िल्म की सफलता के बाद 'दिल्ली फ़ाइल्स' बनाने की घोषणा भी कर चुके हैं.

भारत से अंतिम बार 'सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा श्रेणी' में अकेडमी अवॉर्ड के लिए 'लगान' का नामांकन ' किया गया था. इस श्रेणी का नाम अब बदलकर 'अकेडमी अवॉर्ड फ़ॉर बेस्ट इंटरनेशनल फ़ीचर फ़िल्म' कर दिया गया है.

अनुराग कश्यप के इंटरव्यू से संबंधित एक ख़बर के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने लिखा कि कश्मीर में नरसंहार होने की बात से इनकार करने वाली बॉलीवुड की लॉबी ने 'द कश्मीर फ़ाइल्स' ऑस्कर में न जाए इसके लिए 'दोबारा' के निर्माता के नेतृत्व में अपना काम शुरू कर दिया है.

ऑस्कर में फ़िल्में कैसे भेजी जाती हैं
भारत से ऑस्कर में फ़िल्म भेजने की ज़िम्मेदारी 'फ़िल्म फ़ेडरेशन ऑफ इंडिया (एफ़एफ़आई)' की है. प्रत्येक साल एफ़एफ़आई 'अकेडमी अवॉर्ड फ़ॉर बेस्ट इंटरनेशनल फ़ीचर फ़िल्म' के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि (ऑफ़िशियल एंट्री) का चयन करती है.

यहां फ़िल्में भेजने के लिए कुछ दस्तावेज़ का होना ज़रूरी है, जैसे - भारत में और विदेश में (अमेरिका को छोड़कर) फ़िल्म रिलीज़ की तारीख. सेंसर सर्टिफ़िकेट की कॉपी (प्रति). अंग्रेज़ी में फ़िल्म का सारांश समेत कलाकारों और काम करनेवाले की सूची तथा जीएसटी नंबर के साथ पत्राचार (कम्युनिकेशन) पता. फ़िल्म 40 मिनट से ज़्यादा लंबी हो. फ़िल्मों के जमा होने के बाद एक चयन समिति फ़िल्म का चयन करती है. (bbc.com)

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