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अंबिकापुर, 19 अगस्त। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे और सरगुजा जिले के लुंड्रा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष वीरभद्र सिंहदेव उर्फ सचिन की मौत मामले में परिजनों ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) जांच की मांग की है। वीरभद्र सिंह के पिता सोमेश्वर शरण सिंहदेव ने पुलिस जांच पर भरोसा नहीं होने की बात कही है। वीरभद्र की मौत 11 अगस्त को हुई थी। दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन से अंबिकापुर आने के दौरान बेलगहना, बिलासपुर में रेलवे ट्रैक के पास उनका शव बरामद हुआ था।
लुंड्रा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष वीरभद्र सिंहदेव की मौत की सीबीआई जांच कराने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम धौरपुर को जनप्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपा है। सोमेश्वर शरण सिंहदेव ने कहा कि घटना संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। सचिन का मोबाइल स्वीच ऑफ था। 2 दिन बाद उनका मोबाइल आरपीएफ को मिला। मोबाइल यदि सीट पर था तब अटेंडेंट ने बैग के साथ मोबाइल क्यों नहीं दिया। सचिन सिंहदेव का शव रेलवे ट्रैक से करीब 15 फीट की दूरी पर मिला था। मामले की जांच कर रही पुलिस कहती है कि शव 5 फीट की दूरी पर था। चलती ट्रेन या बस से कोई गिरेगा तो वह दूर नहीं गिरता है।
सोमेश्वर शरण सिंहदेव ने कहा कि रात 9.55 बजे मुझसे फोन पर बात हुई थी। वे एकदम सामान्य थे। पोस्टमार्टम में चोट ही मौत की वजह बताई गई है। ट्रेन में और कौन-कौन थे, कॉल डिटेल निकाले ही नहीं गए हैं। पुलिस की जांच विस्तृत और व्यापक करने की जरूरत है। रायपुर, बेलगहना, अंबिकापुर तीनों जगहों पर जांच करनी होगी। उन्होंने कहा कि जब विधायक बृहस्पत सिंह के फॉलो वाहन को लेकर विवाद हुआ था, तब वीरभद्र को दोषी बताया गया था। उस समय यहां पदस्थ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पूर्वाग्रह के साथ वीरभद्र से दुर्व्यवहार किया था। वही अधिकारी वर्तमान में बिलासपुर में पदस्थ है। मामले में जांच की जवाबदेही एक ऐसे अधिकारी को दी गई है जिनका तबादला हो चुका है।
भाजपा ने भी इस मामले को संदिग्ध मानते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा था कि यह किसी एक परिवार का सीमित विषय नहीं है। यह मौत असामान्य प्रकृति का है, घटना संदिग्ध है। इसकी हाईकोर्ट के जज से न्यायिक जांच होनी चाहिए। भाजपा द्वारा जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था कि टीएस सिंहदेव से बात हुई है। यदि परिजन जांच चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।
वीरभद्र सिंह 24 जुलाई 2021 में विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा उनके खिलाफ जानलेवा हमला करने की कोशिश के आरोप के बाद चर्चा में आए थे। विधायक बृहस्पत सिंह ने मंत्री टीएस सिंहदेव पर भी आरोप लगा दिया कि वे उनकी हत्या कराना चाहते हैं। बाद में विधायक बृहस्पत सिंह ने मंत्री सिंहदेव पर लगाए आरोप के लिए माफी मांग ली थी। यह विवाद बृहस्पति सिंह की फालो वाहन द्वारा वीरभद्र सिंहदेव के वाहन को साइड नहीं देने पर हुआ था।