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इसराइल ने माना- 'ग़लती' से सैनिक ने पत्रकार शिरीन अबु अक़ला को मार डाला
06-Sep-2022 11:22 AM
इसराइल ने माना- 'ग़लती' से सैनिक ने पत्रकार शिरीन अबु अक़ला को मार डाला

-टॉम बेटमैन

फ़लस्तीनी मूल की अमेरिकी पत्रकार शिरीन अबू अक़ला की मौत के करीब चार महीने बाद इसराइल ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि उनके सैनिकों में से किसी एक ने ग़लती से अल-जज़ीरा की पत्रकार को मार डाला.

अक़ला पर मई महीने में उस समय गोली चली थी जब वो वेस्ट बैंक में छापेमारी को कवर करने गई थीं.

हालांकि, सेना के शीर्ष कानूनी अधिकारियों ने हमले में शामिल सैनिकों के ख़िलाफ़ आपराधिक जांच शुरू करने से भी इनकार किया है.

अबू अक़ला के परिवार ने कहा है कि उन्हें कोई 'हैरानी' नहीं हो रही क्योंकि इसराइली सेना लगातार सच छिपाने और हत्या की ज़िम्मेदारी लेने से बचने की कोशिश कर रही थी.

अबू अक़ला 11 मई को वेस्ट बैंक के जिनिन में इसराइल की छापेमारी को कवर करने गई थीं. इस दौरान इसराइली सैनिकों और फ़लस्तीनी चरमपंथियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. हमले के समय अबू अकला ने एक जैकेट पहना था, जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में 'प्रेस' लिखा था.

अबू अक़ला की मौत की वजह पर अलग-अलग पक्ष सामने आ रहे थे.

प्रत्यक्षदर्शियों और फ़लस्तीनी अधिकारियों ने कहा था कि अकलेह को इसराइली सैनिकों ने गोली मारी. बाद में संयुक्त राष्ट्र और अलग-अलग प्रेस जांच एजेंसियों ने भी इस दावे का समर्थन किया. अमेरिकी समीक्षा में पाया गया कि संभवतः इसराइली सैनिकों ने अक़ला पर गोली चलाई.

अब इसराइल की सुरक्षाबलों (आईडीएफ़) ने कहा है कि उन्होंने अंदरूनी स्तर पर चल रही जांच पूरी कर ली है.

आईडीएफ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसकी अत्याधिक आशंका है कि उन्हें किसी आईडीएफ़ जवान ने ग़लती से गोली मारी और बेशक वो सैनिक समझ नहीं पाया कि अकलेह पत्रकार हैं.

अधिकारी ने ये भी बताया कि जांचकर्ताओं ने हमला करने वाले सैनिक से बात की. उन्होंने कहा, "सैनिक ने बताया कि उसने असल में क्या किया, और अग किया, तो ये ग़लती से हुआ."

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