मनोरंजन

-डेविड ग्रिटेन
सऊदी अरब समेत खाड़ी के देशों ने नेटफ़्लिक्स से ये मांग की है कि वो अपने प्लेटफ़ॉर्म से ऐसी सभी सामग्री हटा ले जो 'इस्लामी और सामाजिक मूल्यों और सिद्धांतों' का उल्लंघन करते हैं.
सऊदी अरब की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नेटफ़्लिक्स पर हाल ही में ऐसे कन्टेंट जारी किए गए हैं जो नियमों का उल्लंघन करते हैं. इनमें बच्चों के लिए बनाए गए कन्टेंट भी शामिल है.
सऊदी अरब और 'गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल मीडिया वॉचडॉग्स' ने एक बयान जारी कर नेटफ़्लिक्स को इस मुद्दे पर चेतावनी भी दी है.
हालांकि इस बयान में 'इस्लामी और सामाजिक मूल्यों और सिद्धांतों' के उल्लंघन को लेकर विस्तार से कुछ नहीं कहा गया है.
लेकिन सऊदी अरब के सरकारी टेलीविज़न पर एनीमेटेड शो 'जुरासिक वर्ल्ड- कैंप क्रीटेसियस' के ब्लर किए गए क्लिप्स दिखाए गए हैं जिनमें दो किशोर लड़कियां एक दूसरे के लिए अपनी मोहब्बत का इज़हार करती हैं और एक दूसरे को चूमती हैं.
नेटफ़्लिक्स को चेतावनी
'अल एख़बारिया' टीवी पर दिखाई गई एक रिपोर्ट में विवादास्पद फ़्रेंच फ़िल्म 'क्यूटीज़' के फुटेज दिखाए गए हैं.
इस रिपोर्ट में न्यूज़ चैनल ने नेटफ़्लिक्स पर ऐसे अनैतिक संदेश दिखलाने का आरोप लगाया है जिससे बच्चों की स्वस्थ परवरिश को ख़तरा है.
'अल एख़बारिया' की वेबसाइट पर दिखाए गए एक दूसरे वीडियो में ये आरोप लगाया है कि "नेटफ़्लिक्स समलैंगिकों को ज़रूरत से ज़्यादा तवज्जो देकर समलैंगिकता को बढ़ावा दे रहा" है.
इसके टीवी चैनल पर कई सार्वजनिक शख़्सियतों के इंटरव्यू दिखाए गए हैं जिन्होंने नेटफ़्लिक्स पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं और सरकार से फौरन कार्रवाई की मांग की है.
नेटफ़्लिक्स की ओर से कोई जवाब नहीं
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निगरानी रखने वाली गल्फ़ को-ऑपरेशन काउंसिल की कमेटी और सऊदी जनरल कमीशन फ़ॉर ऑडियोविज़ुअल मीडिया के अधिकारियों ने एक साझा बयान में कहा, "बच्चों पर असर डालने वाली सामग्री समेत इस कन्टेंट को हटाने के लिए नेटफ़्लिक्स से संपर्क किया गया है ताकि क़ानूनों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके."
चेतावनी में कहा गया है, "सरकार इस बात पर नज़र रखेगी कि उसके निर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं और इस्लामी मूल्यों और सिद्धांतों के उल्लंघन करने वाली सामग्री का प्रसारण जारी रहता है तो ज़रूरी क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी."
नेटफ़्लिक्स ने अभी तक इन आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया है.
हालांकि सुन्नी मुसलमानों की बहुलता वाले सऊदी अरब में यौन रुझान या लैंगिक पहचान, विवाह के बाहर के यौन संबंधों, समलैंगिक यौन संबंधों को लेकर कोई क़ानून नहीं है लेकिन ऐसे संबंध वहां कठोरता के साथ प्रतिबंधित हैं.
पहले भी लगाई गई हैं पाबंदियां
सऊदी अरब में लागू शरिया क़ानून के अनुसार सहमति से किए जाने वाले समलैंगिक यौन संबंधों की सज़ा मामले की गंभीरता के अनुसार मारने-पीटने से लेकर मृत्यु दंड तक दी जा सकती है.
अप्रैल में सऊदी अरब में 'डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टिवर्स ऑफ़ मैडनेस' की रिलीज़ रोक दी गई क्योंकि फ़िल्म बनाने वाली कंपनी डिज़्नी ने सऊदी सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया था जिसमें एलजीबीटीक्यू समुदाय से जुड़े दृश्य हटाने की मांग की गई थी.
जून में एनीमेशन फ़िल्म लाइटईयर पर संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि उनमें समलैंगिक जोड़े को किस करते हुए दिखाया गया था.
इस बीच पिछले महीने सऊदी अरब ने यूट्यूब पर भी आरोप लगाया है कि वो 'इस्लामी मूल्यों का उल्लंघन करने वाले ग़ैरवाजिब विज्ञापनों' को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर दिखा रहा है.(bbc.com/hindi)