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नयी दिल्ली, 22 सितंबर। दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि शिक्षण और प्रशिक्षण के साथ-साथ किसी भी चिकित्सा संस्थान के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित करना एक महत्वपूर्ण कार्य होना चाहिए।
उपराज्यपाल ने यहां मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) के एमबीबीएस और स्नातकोत्तर (पीजी) छात्रों को डिग्री प्रदान की। उन्होंने मानव विकास के लिए बुनियादी अनुसंधान के महत्व को रेखांकित किया।
अधिकारियों ने बताया कि 2020 में उत्तीर्ण हुए लगभग 236 एमबीबीएस छात्रों और पिछले साल पाठ्यक्रम पूरा करने वाले 248 छात्रों को समारोह में डिग्री प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि 2020 और 2021 बैच के कुल 356 स्नातकोत्तर छात्रों को भी डिग्री प्रदान की गई।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘एक ऐसे देश में, जो अभी तक गरीबी और बीमारी से जूझ रहा है, डॉक्टरों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी है। ऐसा करने में उचित अनुसंधान, पेशेवर और व्यावसायिक विचारों रहित, सबसे महत्वपूर्ण है।’’
प्रशिक्षण प्रक्रिया के दौरान अनुसंधान के महत्व पर जोर देते हुए सक्सेना ने कहा, ‘‘यह एक अकादमिक संस्थान की उत्कृष्टता का सबसे महत्वपूर्ण मानदंड होना चाहिए। शिक्षण और प्रशिक्षण के अलावा, अनुसंधान को प्रोत्साहित करना किसी भी प्रमुख चिकित्सा संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य होना चाहिए।’’
सक्सेना ने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि कोविड-19 महामारी के दौरान के अनुभव ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में एक चिकित्सा संस्थान की भूमिका के महत्व को उजागर किया है।
उपराज्यपाल ने छात्रों से यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तीर्ण हो रहे छात्र न केवल अच्छे और परोपकारी डॉक्टर बनेंगे बल्कि एक उत्तम मनुष्य भी बनेंगे।
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार भी इस मौके पर मौजूद थे। (भाषा)