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भारत के मुसलमानों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ यूएन में बोले
24-Sep-2022 6:51 PM
भारत के मुसलमानों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ यूएन में बोले

प्रमुख बातें

  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र आम सभा को संबोधित दिया
  • शरीफ़ ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वहाँ मुसलमानों के ख़िलाफ़ उत्पीड़न का अभियान जारी है
  • पाकिस्तानी पीएम ने कहा- भारत के मुसलमान भेदभावपूर्ण क़ानून, हिजाब बैन, मस्जिदों पर हमले और लिंचिंग का शिकार बन रहे
  • उन्होंने कहा पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांति चाहता है
  • शहबाज़ ने अपने देश में आई भयंकर बाढ़ का ज़िक्र भी किया और राष्ट्रपति बाइडन का धन्यवाद भी कहा
  • अमेरिका के न्यूयॉर्क में जारी संयुक्त राष्ट्र की 77वीं आम सभा में शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने अपने देश में आई बाढ़ से लेकर भारत, इसराइल, फ़लस्तीन, इस्लामोफ़ोबिया और कश्मीर तक पर अपनी बात रखी है.

शहबाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में आई भारी बाढ़ से अपनी बात की शुरुआत करते हुए उन्होंने भारत से शांति तक पर अपनी बात रखी.

भारत पर बोलते हुए शहबाज़ शरीफ़ ने कहा, ''भारत के 20 करोड़ मुसलमानों के ख़िलाफ़ उत्पीड़न का आधिकारिक रूप से प्रायोजित अभियान चल रहा है जो कि इस्लामोफ़ोबिया का सबसे ख़राब रूप है. मुसलमान भेदभावपूर्ण क़ानून और नीतियों, हिजाब बैन, मस्जिदों पर हमले और हिंदुओं की भीड़ की लिंचिंग के शिकार बन रहे हैं.''

शहबाज़ शरीफ़ ने इसके बाद भी भारत के ख़िलाफ़ बोलना जारी रखा. उन्होंने कहा कि वो ख़ासतौर पर भारत के कुछ अतिवादी समूहों को लेकर चिंतित हैं जिन्होंने मुसलमानों के ख़िलाफ़ 'जनसंहार' की अपील की हुई है.

उन्होंने कहा, "इस्लामोफ़ोबिया अब एक वैश्विक तथ्य है. 9/11 के बाद से मुसलमानों के ख़िलाफ़ डर, उनको लेकर शक और उनके साथ भेदभाव महामारी के अनुपात में बढ़ा है."

"पाकिस्तान सभी तरह के आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करता है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है. यह रूढ़िवाद, ग़रीबी, अभाव, अन्याय और अज्ञानता और निहित स्वार्थों के ज़रिए फैलाया गया होता है."

इसके बाद शहबाज़ शरीफ़ ने एक बार फिर वही बात कही जो इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान कहते रहे हैं. शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि 'पाकिस्तान आतंकवाद से मुख्य तौर पर पीड़ित रहा है. बीते दो दशकों में हमने आतंकी हमलों की वजह से 80 हज़ार लोगों की जान और 150 अरब डॉलर का आर्थिक नुक़सान उठाया है.'

भारत पर और क्या बोले
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने अपने आधे घंटे के भाषण में शांति और कश्मीर समाधान का ज़िक्र भी किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांति चाहता है, जिसमें भारत भी शामिल है. इसके बाद उन्होंने यह भी जोड़ा की दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर करती है.

उन्होंने कहा, ''इस लंबे समय से चले आ रहे (कश्मीर) विवाद के केंद्र में कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार न देना है. कश्मीरियों के ख़िलाफ़ भारत लगातार दमन का अभियान चला रहा है, जिसमें बराबर तेज़ी जारी है. कश्मीरियों का कई तरीक़ों से दमन हो रहा है, जिसमें एक्स्ट्रा जुडिशिल किलिंग्स, क़ैद करना, हिरासत में उत्पीड़न और मौत, अंधाधुंध बल प्रयोग, पैलेट गन से कश्मीरी युवाओं को जानबूझकर निशाना बनाना और पूरे समुदाय को सामूहिक दंड देना शामिल है.''

शहबाज़ शरीफ़ ने भारत पर आरोप लगाया कि वो अवैध डेमोग्राफ़िक बदलावों के ज़रिए मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर को हिंदू बहुल क्षेत्र में तब्दील कर रहा है.

पाकिस्तानी पीएम ने कहा, "पाकिस्तान के लोग हमारे कश्मीरी भाई-बहनों के साथ हमेशा से उनके साथ एकजुटता से खड़े रहे हैं और वो तब तक खड़े रहेंगे जब तक कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत आत्म-निर्णय का अधिकार नहीं मिल जाता."

इसके बाद शहबाज़ शरीफ़ ने भारत को नसीहत देते हुए कहा, 'भारत को अपनी ईमानदारी का प्रदर्शन करना चाहिए और 15 अगस्त 2019 को लिए गए अवैध फ़ैसले को पलटते हुए शांति और बातचीत के रास्ते पर चलना चाहिए.''

हालांकि भारत कई बार यह दोहरा चुका है कि जम्मू-कश्मीर उसका अंदरूनी मामला है और वो उसका हमेशा से अभिन्न अंग रहा है और आगे भी रहेगा.

भारत का कहना है कि उसके पाकिस्तान से तब तक संबंध सामान्य नहीं रह सकते हैं, जब तक कि उसका वातावरण आतंक, हिंसा और दुश्मनी से मुक्त नहीं होगा.

भारत ने दिया जवाब
शहबाज़ शरीफ़ के भाषण के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत ने राइट टू रिप्लाई के तहत अपना जवाब दिया है. भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के फ़र्स्ट सेक्रेटरी मिजिटो विनिटो ने यह जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि 'यह बहुत ही अफ़सोसजनक है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाने के लिए इस महासभा के मंच का इस्तेमाल किया है. उन्होंने अपने ही देश के कुकर्मों को दबाने और भारत के ख़िलाफ़ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए ऐसा किया है. एक सरकार जो अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहती है वो कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगी, न ही भयानक मुंबई आतंकी हमलों के योजना बनाने वालों को पनाह देगी. और वो तब उनके होने के बारे में बताते हैं जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव होता है.'

"भारतीय उपमहाद्वीप में शांति, सुरक्षा और प्रगति की इच्छा तभी पूरी हो सकती है जब सीमापार आतंकवाद ख़त्म हो, जब सरकारें अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अपने लोगों के साथ साफ हों, जब अल्पसंख्यकों को सताया न जाए और कम से कम हम इन असलियत को इस महासभा से पहले से जानते हैं."

शहबाज़ ने संयुक्त राष्ट्र में और क्या-क्या कहा

  • मुझे लगता है कि भारत को यह संदेश समझना चाहिए कि दोनों देशों के पास बहुत सारे हथियार मौजूद हैं लेकिन युद्ध कोई विकल्प नहीं है.
  • केवल शांतिपूर्ण बातचीत ही इन मुद्दों को सुलझा सकती है ताकि आने वाले समय में दुनिया और शांतिपूर्ण बन सके.
  • हम अपने भारतीय समकक्षों से कहना चाहते हैं कि बैठकर बात करें ताकि भविष्य का रास्त साफ़ हो और हमारी पीढ़ियां पीड़ित न हों और हम अपने संसाधनों को दुखों को कम करने में ख़र्च करें.
  • भारत को एक निर्माणकारी जुड़ाव के लिए वातावरण बनाने की ज़रूरत है. हम पड़ोसी हैं और हम हमेशा रहेंगे. यह हमारी इच्छा है कि हम शांति में रहें या एक-दूसरे से लड़ते रहें. 1947 से अब तक तीन युद्ध हो चुके हैं. नतीजा यह हुआ कि दोनों तरफ सिर्फ बदहाली, ग़रीबी और बेरोज़गारी बढ़ी है.
  • भारत और पाकिस्तान को अब और हथियारों को ख़रीदने और तनाव को बढ़ाने में अपने और संसाधन नहीं ख़र्च करने चाहिए.
  • पाकिस्तान की अभी प्राथमिकता तेज़ी से आर्थिक विकास सुनिश्चित करना और लाखों लोगों को ग़रीबी और भुखमरी से बाहर निकालना है.
  • बीते 40 दिनों और 40 रातों से हम पर बाढ़ का क़हर जारी है जिसने शताब्दी पुराने मौसम रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है.
  • 3.3 करोड़ लोग जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं वो स्वास्थ्य ख़तरों की चपेट में हैं जिनमें 6.5 लाख महिलाओं ने तंबुओं में बच्चों को जन्म दिया है.
  • पाकिस्तान ने जलवायु परिवर्तन के असर का इतना कठोर और विनाशकारी उदाहरण कभी नहीं देखा. पाकिस्तान की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गई है.
  • मेरे लोगों को इतने बड़े स्तर के जलवायु परिवर्तन की क़ीमत क्यों अदा करनी चाहिए.

बाइडन और शहबाज़ की मुलाक़ात
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाक़ात की है जिस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित लोगों के प्रति हमदर्दी दिखाने के लिए उनका शुक्रिया कहा है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में आए विश्व के नेताओं के लिए राष्ट्रपति बाइडन ने एक रिसेप्शन का आयोजन किया था जिस दौरान दोनों नेताओं की मुलाक़ात हुई.

शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालाय ने बयान जारी किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बाढ़ में मारे गए हज़ारों लोगों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस दौरान कहा कि वो इस कठिन मानवीय संकट से निकलने के लिए मदद जारी रखेंगे.

पाकिस्तान में भाषण की चर्चा
संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए शहबाज़ शरीफ़ के भाषण के बाद पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर इस भाषण को लेकर बहस तेज़ हो गई है.

शहबाज़ शरीफ़ के समर्थक जहां उनके भाषण के लिए उनकी दाद दे रहे हैं वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के समर्थक उनके भाषण की आलोचना कर रहे हैं.

इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई की महिला विंग की अध्यक्ष कंवल शौज़ाब ने इमरान ख़ान के पिछले भाषण के दौरान यूएन के हॉल की कुर्सियां और शहबाज़ शरीफ़ के भाषण के दौरान ख़ाली कुर्सियों की तस्वीरें ट्वीट की हैं.

कंवल ने लिखा है, "जब मुस्लिम उम्मत का सच्चा नेता बोलता है तो दुनिया के बड़े-बड़े राजा बैठकर सुनते हैं."

अनस हफ़ीज़ ने ट्वीट किया कि, "इमरान ख़ान ने जनरल असेंबली में कश्मीर का मामला कुछ इस अंदाज़ में पूरी दुनिया के सामने उठाया था."

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के भारत पर इतने आरोप लगाने के बाद अब भारत की ओर से प्रतिक्रिया भी आ गई है. वहीं शनिवार को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण देंगे. (bbc.com/hindi)

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