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सेक्रेटरी जनरल ने 20 वर्षों की सेवा के लिए श्री पाण्डेय को यूएन कर्मचारी मान्यता पुरस्कार से किया सम्मानित
रायपुर, 26 सितंबर। संयुक्त राष्ट्र के 77वें डिबेट सत्र की उच्च-स्तरीय सामान्य बहस 22 से 26 सितंबर के बीच इस वर्ष आयोजित की गई। 193 सदस्य-देश प्विश्व संसाधनों की बेहतरी के लिए राजनीतिक इच्छा को प्रतिबद्ध करने का तरीका प्रदान करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र में पिछले 20 साल से कार्यरत बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के आनंद पांडेय ने इस सत्र में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत किया और भारत-अमरीका के गठबंधन के साथ-साथ भारत के सामाजिक और आर्थिक विषयों पर चर्चा की।
श्री आनंद कुमार पांडेय बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और पिछले 20 वर्षों से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के साथ काम कर रहे हैं। हाल ही में उन्हें यूएनएसजी श्री एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी मान्यता पुरस्कार से सम्मानित किया है।
श्री पांडे ने केंद्रीय विद्यालय, बालकोनगर से स्कूली शिक्षा और हायर सेकेंडरी डीपीएस कोरबा से पूरी की है। छत्तीसगढ़ राज्य ने यूएनडीपी से 2007 में मानव विकास पुरस्कार जीता था जिसका श्री पांडे ने नेतृत्व किया।
जीए-77 की कुछ झलकियों को साझा करते हुए श्री पांडे ने बताया कि विश्व के नेता कोविड के कारण लगभग 2 वर्षों के अंतराल के बाद इक_े हुए हैं। उत्साह और ऊर्जा के स्तर को इस तथ्य से अच्छी तरह से मापा जा सकता है कि सदस्य राज्यों में 50 से अधिक हैं।
60 व्यस्त जीए सप्ताहों के दौरान द्विपक्षीय बैठकें और विशेष रूप से शिक्षा, युवा, सतत् विकास और कई अन्य विषयों में एसडीजी प्रगति पर 5-6 उच्च स्तरीय पूर्ण सत्र आयोजित किए गए।
श्री पांडे ने न्यूयॉर्क में एकत्रित विश्व नेताओं के साथ गर्मजोशी से अनेक विषयों पर सघन चर्चा की। उन्होंने बताया कि केवल महामारी ही दुनिया का सामना करने वाला मुद्दा नहीं है। जातिवाद, असहिष्णुता, असमानता, जलवायु परिवर्तन, गरीबी, भूख, सशस्त्र संघर्ष जो समान रूप से प्रचलित हैं और ये गंभीर मुद्दे वैश्विक कार्रवाई की मांग करते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि महासभा सभी के लिए एक साथ आने, प्रगति की समीक्षा करने और आने वाली पीढिय़ों के लिए भविष्य के निर्माण में एक महत्वपूर्ण अवसर है।