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PAWAN SHAH/BBC
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर । देश के सबसे पुराने मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद और बीजेपी के बीच बढ़ती नजदीकियां चर्चा का विषय बनती जा रही हैं.
'द हिंदू' ने अपने एक विश्लेषण में कहा है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद बगैर कोई शोर किए चुपचाप बीजेपी के साथ रिश्ते अच्छे करने में लगा है.
अख़बार ने लिखा है कि जमीयत-उलेमा-ए-हिंद बग़ैर किसी औपचारिक एलान या चुनाव में खुलेआम समर्थन का प्रदर्शन किए बगैर बीजेपी को समर्थन देता आ रहा है. चाहे वह पीएफआई पर बैन का मामला हो या यूपी में गैर सरकारी मदरसों के सर्वेक्षण का. हालांकि ज्यादातर मामलों में इसने बीजेपी का चुपचाप समर्थन किया है.
'द हिंदू' में छपे विश्लेषण में कहा गया है कि जब देश में पीएफआई की दफ्तरों और इमारतों पर छापे पड़ रहे थे और इसके सैकड़ों नेताओं की गिरफ्तारी हो रही थी तो जमीयत ने चुप्पी साध ली. जमीयत के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ''ऐसा लग रहा था जैसे मुगलकाल के आखिरी वक्त में मोहम्मद शाह रंगीला चुप्पी साध लेते थे.'' (bbc.com/hindi)