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चीन के सबसे चर्चित #Metoo केस में अदालत के बाहर समझौता
03-Oct-2022 8:55 AM
चीन के सबसे चर्चित #Metoo केस में अदालत के बाहर समझौता

ये चीन का सबसे बड़ा #Metoo ट्रायल हो सकता था जो दुनिया के दूसरे छोर अमेरिका के मिनेसोटा राज्य में चलता.

आरोप एक 49 वर्षीय अरबपति पर लगे थे जिन्हें चीन का 'जेफ़ बेजोस' भी कहा जाता है. आरोप लगाने वाली एक 25 वर्षीय चीन मूल की छात्रा थीं जिसने अपने यौन शोषण का दावा किया था.

ये मुक़दमा एक खुली अदालत में चलता. ऐसा होना चीन में लगभग असंभव है.

ये मुक़दमा मिनेसोटा के हेनपिन काउंटी में चलता जहां कथित तौर पर अपराध घटित हुआ.

लेकिन अदालत में कार्रवाई शुरू होने की पूर्वसंध्या ही इस मामले में नाटकीय मोड़ आ गया है. दोनों पक्ष अदालत के बाहर समझौते पर राज़ी हो गए हैं और अब मुक़दमा नहीं चलेगा.

आरोप के घेरे में थे रिचर्ड लियू जिन्हें चीन में लियू कियांगडोंग के नाम से जाना जाता है. आरोप लगाए थे लियू जिंगयाओ ने.

वैसे इन दोनों में कोई सीधा संबंध नहीं है, लियू चीन में एक चर्चित उपनाम हैं.

बीबीसी अपनी रिपोर्ट में लियू जिंगयाओ का नाम लिख रही है क्योंकि वो पहले ही अपनी पहचान इस नाम के साथ ज़ाहिर कर चुकी हैं.

दोनों पक्षों की तरफ़ से शनिवार को जारी बयान में कहा गया है कि जो घटना हुई थी उससे कुछ ग़लतफ़हमियां हुईं थीं जिन्होंने जनता का ध्यान आकर्षित किया. इनकी वजह से दोनों ही पक्षों और उनके परिवारों को बहुत कुछ सहना पड़ा.

बयान में कहा गया कि अब दोनों ही पक्ष पीड़ा को कम करने के लिए अपने मतभेदों को ख़त्म कर समझौता करने के लिए तैयार हो गए हैं ताकि आगे और क़ानूनी लड़ाई ना लड़नी पड़े.

इस ख़बर से चीन के लोग हैरान है और बड़ी तादाद में लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं. चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर कुछ ही घंटों के भीतर इससे जुड़े हैशटैग ट्रेंड करने लगे.

बंद कमरे में समझौता
चीन के लोगों की नज़रें इस मुक़दमें पर लगी थीं और वो हज़ारों मील दूर अमेरिकी अदालत में चलने वाले इस मुक़दमे को चलते हुए देखना चाहते थे.

अमेरिकी न्याय व्यवस्था चीन की न्याय व्यवस्था के मुक़ाबले काफ़ी खुली और स्वतंत्र है.

अब बंद कमरे में इस मुक़दमे को लेकर समझौता हो गया है और इसे लेकर और अधिक कयास लगने शुरू हो सकते हैं.

चीन का मी टू अभियान भी विवादों में ही घिरा रहा है.

मुक़दमा शुरू होने से पहले ही 30 अगस्त 2018 की उस रात जो हुआ था उससे जुड़े वीडियो और ऑडियो क्लिप सामने आ गये थे जिन्हें लेकर लोगों ने भी अपनी राय बनाई थी.

उस समय लियू जिंगयाओ यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में पढ़ रहीं थीं. उन्हें रिचर्ड लियू की मेज़बानी में एक नेटवर्किंग डिनर पर आमंत्रित किया गया था.

रिचर्ड ई-रिटेलिंग कंपनी जेडी डॉट कॉम के संस्थापक हैं. इस डिनर में उनके अलावा चीन के कई और ताक़तवर कारोबारी लोग थे. इस डिनर के बाद दोनों ही छात्रा के अपार्टमेंट चले गए थे.

क्या थे आरोप?
छात्रा ने आरोप लगाया था कि रिचर्ड लियू और अन्य मेहमानों ने उन पर डिनर के दौरान अत्याथिक शराब पीने का दबाव बनाया था.

छात्रा का आरोप था कि जब वो दोनों कार में जा रहे थे तब रिचर्ड ने उनके साथ ज़बरदस्ती की थी और वो इतने नशे में थीं कि विरोध नहीं कर पाईं थीं.

छात्रा का आरोप था कि इसके बाद वो उसके साथ अपार्टमेंट में आ गए थे और विरोध के बावजूद उसका बलात्कार किया था.

वहीं रिचर्ड लियू का कहना था कि वो बहुत ज़्यादा नशे में नहीं थीं और उन्हें अपार्टमेंट में आमंत्रित किया गया था जहां दोनों के बीच मर्ज़ी से सेक्स संबंध बने थे.

इस घटना के तुरंत बाद ही लियू जिंगयाओ ने अपने एक दोस्त को बताया था कि क्या हुआ है. उसने पुलिस को बुला लिया था.

रिचर्ड लियू को गिरफ़्तार कर लिया गया था और उनकी गिरफ़्तारी दुनियाभर में सुर्ख़िया बनीं थीं.

रिचर्ड ने किसी भी तरह के अपराध से इनकार किया था और अगले ही दिन उन्हें छोड़ दिया गया था.

कुछ सप्ताह चली जांच के बाद स्थानीय अभियोजकों ने आरोप तय करने से इनकार कर दिया था. अभियोजको का कहना था कि आरोपों को साबित करना सबूतों के अभाव में मुश्किल होगा.

अप्रैल 2019 में लियू जिंगयाओ ने सिविल लॉ सूट दर्ज कराया था और रिचर्ड लियू पर यौन हमले के आरोप लगाते हुए पचास हज़ार डॉलर हर्ज़ाना मांगा था.

अदालत ने कहा था कि छात्रा के दावों पर सिविल अदालत में मुक़दमा चलाया जा सकता है. अदालत ने कहा था कि रिचर्ड की कंपनी को भी ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है.

मुक़दमा दायर होने के बाद घटना से जुड़े कई वीडियो सामने आए थे जिनमें रेस्त्रां के बाहर दोनों के बात करने का वीडियो, अपार्टमेंट की लिफ्ट का वीडियो और पुलिस के बॉडी कैमरों का वीडियो शामिल थे.

ये वीडियो सबसे पहले चीन की गुमनाम सी वेबसाइटों पर पोस्ट किए गए थे. छात्रा और उसके वकीलों ने आरोप लगाया था कि इन्हें छात्रा के पक्ष को कमज़ोर करने के मक़सद से लीक किया गया है.

वहीं रिचर्ड लियू के वकीलों ने बीबीसी को बताया था कि ये वीडियो पुलिस ने मीडिया के मांगने पर जारी किए थे.

हालांकि एक बात पक्की थी कि इन वीडियो के सामने आने के बाद चीन के लोगों की राय रिचर्ड के समर्थन में बनीं और छात्रा की आलोचना भी की गई.

बहुत से लोगों ने टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्रा ने पैसा हासिल करने के लिए ऐसा किया था.

रविवार को जब समझौते की ख़बर आई तो फिर से चीन के सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा है कि छात्रा ने पैसा लेने के लिए ही ये आरोप लगाए थे. (bbc.com/hindi)

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