ताजा खबर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 7 अक्टूबर। कोलियारी से जोरातराई तक करीब 33 किमी सडक़ जर्जर है। 20 साल से मरम्मत कराने लड़ रहे, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया। बीते 10 साल से सडक़ संघर्ष समिति सडक़ की लड़ाई लड़ रहे है। आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार को कोलियारी चौक में चक्काजाम किया।
शासन-प्रशासन के साथ क्षेत्रीय विधायक रंजना साहू के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश दिखा। लोगों में विधायक के खिलाफ भी नारेबाजी कर विरोध जताया। यदि सडक़ नहीं बनी, तो 23 गांव के करीब 50 हजार मतदाता विधानसभा चुनाव भी प्रभावित करेंगे, क्योंकि आगामी वर्ष चुनावी साल होगा।
कोलियारी से जोरातराई तक इस सडक़ पर बसे गांव के लोगों को धैर्य अब टूट गई है। सडक़ संघर्ष समिति बनाकर आँदोलन शुरू कर दिया है।
प्रदर्शनकारी मोहित पटेल, गौकरण साहू, राधेश्याम पटेल, अनिरुद्ध साहू ने कहा कि राजनीतिक संरक्षण में दिन-रात महानदी से अवैध रूप से रेत खनन और परिवहन के चलते यह सडक़ जर्जर हो गई है। आए दिन सडक़ हादसे में लोग चोटिल हो रहे हैं। इसलिए आर-पार की लड़ाई लड़ रहे है। मांग पूरी होते तक प्रदर्शन जारी रहेगा। ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक रंजना साहू ध्यान नहीं दे रहे है। चुनाव में वोट मांगकर जीत हासिल किया, लेकिन जनता के काम कराने की बारी आई, तो मुंह मोड़ लिया। लगातार विधायक की उपेक्षा जारी है। जर्जर सडक़ के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। यही हाल रहा, तो विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका जवाब भी मिलेगा।
इधर चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों को प्रशासन ने समझाने की कोशिश की, लेकिन काफी मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ।
इन गांव के लोग आंदोलन में शामिल
कोलियारी, कानीडबरी, अमेठी, कलातराई, बंजारी, परसुली, दर्री, खरेंगा, भरारी सारंगपुरी, देवपुर, ढीमर टुकर, नवागांव, दोनर, सेमरा, बारना, सिवनी खुर्द, सिवनी बाजार, जोरातराई, सेलदीप, मंदरौद, झुरा, नवागांव के ग्रामीण आंदोलन में शामिल हुए हैं।
ऐसे चल रहा आँदोलन
27 सितंबर को रात 8.30 बजे से ढीमर टिकुर से सेलदीप तक के लोग दोनर के पास और देवपुर से कोलियारी तक के दर्री के पास भारी वाहनों की निगरानी किए। धरने में उपस्थिति के लिए कार्ययोजना बनाई है। सडक़ समिति के सर्वसम्मति से लिए निर्णय अनुसार प्रत्येक गांव से 3-3 वार्ड से प्रत्येक घर से एक सदस्य धरना स्थल में उपस्थिति देंगे। इसके लिए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण समिति के कार्यकारणी आवश्यक पहल करेंगे।
10 लोगों की जा चुकी जान
दिन-रात रेत परिवहन में लगे हाइवा वाहनों के चलते सडक़ में बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं। बीते 5 सालों में इस मार्ग में सडक़ हादसे में 10 लोगों की जान चली गई हैं। ग्रामीण हीरेंद्र साहू, हेमंत चंद्राकर, रामखिलावन चन्द्राकर ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन इस सडक़ निर्माण की घोषणा नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। एनजीटी के निर्देश के बाद 15 अक्टूबर तक रेत निकासी बंद है, इसके बावजूद कोलियारी से जोरातराई तक जगह-जगह नदी से अवैध रूप से रेत की निकासी की जा रही हैं। इसके चलते ही नदीय तटीय गांवों में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है।
20 साल से चल रही मांग
कोलियरी ,खरेंगा ,दोनर, जोरातराई सडक़ की जर्जर अवस्था को देखते हुए इसे नए सिरे से बनाने व चौड़ीकरण की मांग करीब 20 से अधिक गांव के लोग कर रहे हैं। बीते 20 सालों से यह मांग चल रही है। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही इसके लिए आँदोलन कर चुके हैं। अब गांवों के लोगों ने गैर राजनीतिक आंदोलन शुरू किया है। लगातार धरना प्रदर्शन कर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया गया है। दोनों दलों ने की राजनीति, सडक़ नहीं बनी सडक़ को बनवाने के लिए दोनों प्रमुख दल कांग्रेस व भाजपा आँदोलन कर चुके हैं भाजपा शासन काल में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 2018 में कांग्रेस पदाधिकारियों ने आँदोलन किया। पदयात्रा भी निकाली। कांग्रेस की सरकार आई तो पट्टा बांटने आए सीएम ने 2020 में कोलियारी से जोरातराई तक सडक़ बनाने की स्वीकृति कराने का भरोसा दिया। स्वीकृत कराई। 1 जनवरी 2021 में एडीबी प्रोजेक्ट में शामिल किया। इसी साल भाजपा युवा मोर्चा ने सडक़ बनवाने के लिए आँदोलन किया। कोलियारी चौक पर चक्काजाम किया।