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नयी दिल्ली, 7 अक्टूबर। अखिल भारतीय संत समिति ने वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को खत्म करने की शुक्रवार को मांग की।
विश्व हिन्दू परिषद, अखाड़ा परिषद सहित विभिन्न धार्मिक संगठनों एवं संतों की सहभागिता वाले अखिल भारतीय संत समिति की धर्मादेश 2022 को लेकर आयोजित बैठक में यह मांग की गई।
विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने बताया कि बैठक में प्रस्ताव के जरिये यह मांग की गई है कि वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को खत्म किया जाए ।
उन्होंने बताया कि बैठक में सभी साधु संतों ने बालीवुड में हिन्दू देवी देवताओं एवं धर्मगुरुओं का गलत तरीके से चित्रण किये जाने एवं फिल्म सेंसर बोर्ड की भूमिका पर चर्चा की ।
तिवारी ने बताया कि समिति ने बालीवुड में ऐसे चलन पर गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए सनातन सेंसर बोर्ड स्थापित करने की मांग की ।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि बैठक में काशी ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के विषय पर चर्चा की गई ।
उन्होंने कहा कि साधु संतों का कहना है कि वे इस मुद्दे को छोड़ नहीं सकते क्योंकि यह रामजन्म भूमि आंदोलन का हिस्सा रहा है। उनके अनुसार समिति का कहना है कि यह मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण फैसले की प्रतीक्षा की जाए।
बैठक के संयोजक संजय राय ने कहा कि इससे पहले अखिल भारतीय संत समिति की वर्ष 2018 में महत्वपूर्ण बैठक हुई थी जिसमें धर्मादेश 2018 पारित हुआ था और अब यह बैठक आने वाले समय में समाज का मार्गदर्शन करेगी।
बैठक में छत्तीसगढ़ और पालघर समेत देशभर में बच्चा चोरी के नाम पर संतों की पिटाई के मामलों पर भी चर्चा की गई। राय के अनुसार समिति ने हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने तथा राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए राज्यवार समस्याओं को चिन्हित किए जाने को लेकर चर्चा की। (भाषा)