विचार / लेख

-रीवा एस. सिंह
रणबीर कपूर के फिटनेस ट्रेनर ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखकर उनकी तारीफ की है। फिटनेस को लेकर उनके लगन पर कहा है कि अभिनेता के पास इस सप्ताह वर्कआउट न करने के लिये हर वाजिब वजह थी, उनकी बेटी घर आयी है। लेकिन ब्रह्मात्र स्टार ने किसी दिन कोई सेशन मिस नहीं किया।
लोग इस पर लहालोट हो रहे हैं कि ये है फिटनेस का राज। अच्छी डेडिकेशन है! डिलिवरी के तुरंत बाद जब करीना ने काम शुरू किया था तो किसी को डेडिकेशन की स्पेलिंग नहीं याद आ रही थी।
फिटनेस, सेल्फ-लव बहुत अच्छी बातें हैं, और अच्छी होतीं अगर इनपर सबका एक समान अधिकार होता। बच्चे को माँ की जरूरत ज्यादा होती है लेकिन जो काम पिता कर सकते हैं उसमें भी कितने पिता फ्रंटफुट पर आते हैं? अपनी जिम्मेदारियां दूसरों के हिस्से छोडक़र पेरेंटहुड को मदरहुड बना दिया जाता है और किनारे खड़े होकर तसल्ली से उसी मदरहुड को ग्लोरिफाय किया जाता है।
बच्चे का डायपर बदलना हो तो अक्सर माँ को ही आवाज लगाई जाती है, भले वह किचन में व्यस्त हो। बच्चा रात को न सोये तो माँ की ही नींद खराब होती है, पिता तो जैसे-तैसे सो ही जाते हैं।
आलिया के पास ढेरों सुविधाएँ होंगी लेकिन बच्चे को पूरा वक्त तो देना पड़ रहा है न! उसी वक्त में जब रणबीर के फिटनेस फ्रीक होने पर कसीदे पढ़े जा रहे हैं।
विराट कोहली को बुरी तरह ट्रोल होना पड़ा था क्योंकि वे सिरीज छोडक़र पैटर्निटी लीव ले रहे थे। तब सबको मैच ज्यादा जरूरी लग रहा था, घर में बेटी का आना कमतर। उनकी प्रशंसा में नहीं कहा गया कि कितने बेहतरीन पिता होंगे विराट, क्या गजब डेडिकेशन है!