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कतर वर्ल्ड कप 2022: क्या ‘भव्य आयोजन’ उठ रहे सवालों को पीछे छोड़ देगा?
18-Nov-2022 7:02 PM
कतर वर्ल्ड कप 2022: क्या ‘भव्य आयोजन’ उठ रहे सवालों को पीछे छोड़ देगा?

फ़ीफ़ा के पूर्व प्रमुख सेप ब्लैटर ने कहा है कि क़तर को वर्ल्ड कप की मेज़बानी देना एक ग़लती है

‘नाऊ इज ऑल’ यानी ‘वर्तमान ही सब कुछ है’ कतर विश्वकप का अधिकारिक नारा है। शायद ये संदेश है कि वर्तमान और खेल के मैदान पर ध्यान रखो, जहां जल्द ही मुकाबले शुरू होने वाले हैं। यानी पिछली बातों से आगे बढ़ा जाए। लेकिन क्या ये इतना आसान है?

बहुत से लोग कतर 2022 वल्र्डकप को हालिया इतिहास का सबसे विवादित खेल आयोजन मान रहे हैं। बीते दो दशकों में चीन ने दो बार ओलंपिक खेलों का आयोजन किया है। रूस फुटबॉल विश्व कप 2018 और शीत ओलंपिक की मेजबानी कर चुका है।

रूस और चीन दोनों ही मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए बदनाम रहे हैं और ये चिंता पैदा हुई थी कि इतने बड़े खेल आयोजन यहां की तानाशाही सत्ता को और मज़बूत कर सकते हैं। लेकिन निस्संदेह सबसे ज़्यादा विवाद कतर की विश्वकप की मेजबानी पर ही हो रहा है। बीते 12 सालों में बार-बार फुटबॉल के सबसे बड़े आयोजन को कतर को सौंपने को लेकर गुस्से और बेचैनी का इजहार किया जाता रहा है।

भव्य होगा वर्ल्डकप : कतर
कतर पश्चिमी देशों का अहम सहयोगी देश है और बड़ा निवेशक है। रिपोर्टों के मुताबिक ब्रिटेन में जमीन के मालिकाना हक वाले दस शीर्ष निवेशकों में कतर शामिल है। यही नहीं कतर गैस का बड़ा सप्लायर है और यूरोप में बढ़ रहे गैस संकट के बीच कतर की भूमिका अहम हो सकती है। पूर्व फीफा प्रमुख सेप ब्लैटर का बयान हो या फिर कतर के वल्र्डकप एंबेसडर खालिद सलमान का समलैंगिकों को लेकर दिया गया विवादत बयान-कतर वर्ल्डकप पर एक के बाद एक सवाल उठ रहे हैं।

वर्ल्डकप से जुड़े निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों की हालत और उनके मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर भी कतर पर सवाल उठते रहे हैं। इस सबके बीच कतर का कहना है कि वल्र्डकप की बदनामी के प्रयास अनुचित हैं। ये मध्य पूर्व का पहला वल्र्डकप है और कतर का कहना है कि ये भव्य और दर्शनीय होगा और इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट का जश्न मनाया जाना चाहिए। कतर ने कहा है कि इस विशाल आयोजन में सबका स्वागत है, ये खेल को बढ़ावा देगा, युवाओं को प्रेरित करेगा, पर्यटन को बढ़ाएगा, देश की अर्थव्यवस्था में विविधता लाएगा।

सबसे बड़ा सवाल: कतर में क्यों हो रहा है वर्ल्डकप?
बीते सोमवार को फीफा के पूर्व प्रमुख सेप ब्लैटर ने कहा कि कतर में विश्वकप कराना एक गलती है। मंगलवार को कतर के वल्र्डकप एंबेसडर खालिद सलमान ने समलैंगिकता को ‘दिमाग की खराबी’ बता दिया।

कतर ने कहा है कि वर्ल्डकप में सभी का स्वागत है, लेकिन इस बयान को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में ये सवाल बार-बार उठ रहा है कि तीस लाख की आबादी वाले देश में जहां गर्मियों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है और जहां समलैंगिकता पर पाबंदी है, उसे वल्र्डकप की मेजबानी कैसे मिली?

कतर ने कभी भी वल्र्डकप के लिए चलीफाई तक नहीं किया था, मेज़बानी करना तो अलग ही बात थी। लेकिन साल 2010 में ये बदल गया। फीफा ने साल 2022 के फीफा वल्र्डकप की मेजबानी के लिए कतर को विजेता घोषित किया।

फीफा की कार्यकारी समिति ने ये फैसला लिया था। साल 2014 में इसमें मतदान करने वाले एक सदस्य मिशेल प्लातिनी ने बीबीसी को बताया था कि उन्होंने कतर को ही क्यों चुना।
प्लातिनी ने कहा था, ‘मैंने ये फैसला किया था कि इस बार हम ऐसे हिस्से में जाएंगे जहां पहले कभी वल्र्डकप नहीं हुआ है।’

फीफा के लिए कतर को चुनने का ये एक कारण था, लेकिन इसके और भी कारण हो सकते हैं। संडे टाइम्स की एक खुफिया रिपोर्ट के बाद मतदान से पहले समिति के दो सदस्यों को हटा दिया गया था। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इन दोनों सदस्यों ने अपने वोट बेचने की पेशकश की थी।

मेजबानी तय करने के लिए हुए उस मतदान में बाकी सदस्यों ने अमेरिका की जगह कतर को चुना था। हालांकि अमेरिका को पहली पसंद बताया जा रहा था। इसके बाद साल 2011 में संडे टाइम्स की एक और खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि समिति के दो अन्य सदस्यों को भी कतर के समर्थन में मतदान करने के लिए पंद्रह लाख डॉलर दिए गए थे। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया था।

साल 2012 में फीफा ने इसकी जांच की घोषणा कर दी थी। इस जांच की रिपोर्ट में कहा गया कि वोट खरीदे नहीं गए थे, लेकिन इसमें ये भी कहा गया था कि कुछ खास लोगों का आचरण समस्याओं का संकेत देता है।

एफ़बीआई ने साल 2015 में कहा कि फीफा में रिश्वत, अवैध भुगतान और फायदा पहुंचाना काम करने का तरीका बन गया था। हालांकि एफबीआई ने कतर के विश्व कप की मेजबानी हासिल करने का खास उल्लेख नहीं किया था। हालांकि इसके बाद से ये फैसला लेने वाली कार्यसमिति के 22 सदस्यों में से 11 को या तो निलंबित कर दिया गया या उन पर जुर्माना लगाया गया या मुकदमा चला। इनमें से दो दोषी साबित हुए, लेकिन क़तर की मेजबानी के मामले में नहीं। अब मतदान के 12 साल बाद कतर ने कहा है कि उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जो अवैध हो या अनैतिक हो। लेकिन इस सप्ताह सेप ब्लैटर ने इस बारे में और भी अधिक कहा है। उन्होंने कहा है कि ज़ाहिर है ये पैसे का मामला भी है। उन्होंने कहा कि वो ये बात लोगों के नहीं, देशों के संदर्भ में कह रहे हैं।

उन्होंने बिना किसी सबूत के ये संकेत दिए हैं कि हो सकता है कतर का फ्रांस से लड़ाकू विमान की बिक़्री का सौदा कतर की वल्र्डकप की मेजबानी हासिल करने की वार्ता के जरिए आसान हुआ हो।
हालांकि अभी ये संबंध स्थापित नहीं हुआ है और ना ही बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी देने के पीछे राजनीतिक वजहें होना कोई असामान्य बात हो। लेकिन ये बात ऐसा व्यक्ति कह रहा है जो फीफा का प्रमुख रहा है और उसके कहने का मतलब ये है कि कतर के वल्र्डकप की मेजबानी हासिल करने के तार फ्रांस के कतर को सैन्य उपकरण बेचने से जुड़े हो सकते हैं। हमें ये भी याद रखना चाहिए कि सेप ब्लैटर जिन दिनों फीफा के प्रमुख थे, उसे फीफा में भ्रष्टाचार के दौर के रूप में जाना जाता है।

कतर और फीफा दोनों ही किसी भी तरह से कुछ भी गलत होने से इंकार करते रहे हैं।

इस सबके बीच, जब खिलाड़ी क़तर जाने की तैयारियां कर रहे हैं, इस सवाल का जवाब अभी मिलना बाकी है कि ये वल्र्डकप कतर में क्यों हो रहा है?
सर्दियों में क्यों हो रहा है वर्ल्डकप?

फीफा वर्ल्डकप टूर्नामेंट आमतौर पर जून और जुलाई में आयोजित किया जाता है, लेकिन कतर में साल के इन महीनों में औसत तापमान लगभग 41 डिग्री सेल्सियस होता है और ये 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इतनी गर्मी ख़तरनाक है और ऐसी स्थिति में 90 मिनट खेलने की बात सोच भी नहीं सकते हैं। बोली प्रक्रिया के दौरान, कतर ने एडवांस्ड एयर कंडीशनिंग तकनीक का इस्तेमाल करने का वादा किया था। ऐसा कहा गया था कि ये स्टेडियम और ट्रेनिंग पिच जैसी जगहों को 23 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा कर देगा। हालांकि, 2015 में फीफा ने ये फैसला लिया कि टूर्नामेंट सर्दियों में आयोजित कराया जाएगा। वल्र्डकप 20 नवंबर से शुरू हो रहा है और फाइनल 18 दिसंबर को खेला जाना है। इसका मतलब ये है कि ये कई देशों के क्लब फुटबॉल सीजन के ठीक बीच में आएगा, जिससे उन्हें रुकावट का सामना करना पड़ेगा। 

किन स्टेडियमों में खेले जाएंगे मुकाबले?
इस टूर्नामेंट के लिए कतर में कुल 8 स्टेडियम तैयार किए गए हैं। 8 में से 7 तो इस टूर्नामेंट के लिए बिल्कुल शुरुआत से बनाए गए हैं। बाकी बचे एक को भी पूरी तरह से फिर से तैयार किया गया है। ये सभी स्टेडियम एक-दूसरे से कऱीब एक घंटे की ड्राइव और ज़्यादा से ज़्यादा 43 मील की दूरी पर हैं।
ये 8 स्टेडियम हैं-
लुसैल स्टेडियम (क्षमता- 80,000)
अल बेत स्टेडियम (क्षमता- 60,000)
स्टेडियम 974 (क्षमता- 40,000)
ख़लीफ़ा इंटरनेशनल स्टेडियम (क्षमता- 45,416)
एजुकेशन सिटी स्टेडियम (क्षमता- 40,000)
अल थुमामा स्टेडियम (क्षमता- 40,000)
अल जनुब स्टेडियम (क्षमता- 40,000)
अहमद बिन अली स्टेडियम (क्षमता- 40,000)
फीफा वर्ल्डकप 2022 का फ़ाइनल मुकाबला 18 दिसंबर को लुसैल स्टेडियम में खेला जाएगा। (bbc.com/hindi)

 

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