ताजा खबर
नेपाल की नताशा राय भी सम्मानित
रायपुर नई दिल्ली 27 नवंबर। लैंगिक समानता की मुखर आवाज और छत्तीसगढ़ की तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड की सदस्य विद्या राजपूत को प्रतिष्ठित कमला भसीन अवार्ड प्रदान किया गया है। उनके साथ नेपाल की नताशा राय भी सम्मानित की गई है। उन्हें प्रशस्ति पत्र के साथ 1-1 लाख रुपए का चेक दिया गया है।
बस्तर छत्तीसगढ़ की विद्या राजपूत एक ट्रांसजेंडर हैं, उन्होंने सन 2009 में अपने समुदाय के लोगों का एक संगठन मितवा स्थापित किया। वे लगातार उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है और उनके बीच जागरूकता फैला रही है। वकालत और प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें भेदभाव के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रेरित करती है। समुदाय को शिक्षा, आवास, रोजगार और स्वास्थ्य की समान सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए भी उनका संगठन कार्य कर रहा है। विद्या राजपूत के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय मैं उल्लेखनीय बदलाव देखा जा सका है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसी वर्ष 12 ट्रांसजेंडर को पुलिस विभाग में नौकरी दी है। उनकी इस उपलब्धि को राज्य सरकार के वार्षिक कैलेंडर में भी स्थान मिला है।
नई दिल्ली में आयोजित समारोह में शक्ति मिलन समाज नेपाल की सह संस्थापक नताशा राय को भी यह अवार्ड दिया गया। नताशा स्वयं एक एचआईवी संक्रमित महिला थीं, जिन्हें मानव तस्करी के जरिए भारत लाकर 13 साल की उम्र में देह व्यापार के लिए मजबूर किया गया। अब उनका संगठन नेपाल में 1000 से अधिक एचआईवी पीड़ित महिलाओं को सम्मानजनक स्वास्थ्य सुविधा, जीवन यापन और शिक्षा दिला रहा है।
यह अवार्ड कवि, लेखक, शिक्षाविद और दक्षिण एशिया में महिला अधिकारों के लिए आंदोलन करने वाली कमला भसीन के नाम पर है। वे दक्षिण एशियाई महिलाओं के संगठन संगत की संस्थापक थी।
अवार्ड के लिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका से प्रविष्टियां मंगाई गई थी। अनु आगा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की जूरी ने विद्या राजपूत और नताशा राय का चयन किया।