अंतरराष्ट्रीय
ईरान, 27 नवंबर । ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने बासिज मिलिशिया की तारीफ़ की है. ख़ामनेई ने कहा है कि हाल के दंगों में मिलिशिया के लड़ाकों ने जान गंवाई हैं.
ख़ामेनेई देश में हिजाब के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों के दौरान लोगों को काबू करने की कोशिश में मिलिशिया के लोगों की मौतों का हवाला दे रहे थे.
ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड से संबंधित बासिज सेना पिछले कुछ हफ्तों के दौरान हिजाब के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों को क़ाबू करने में आगे रही है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ ख़ामेनेई ने टीवी पर दिए गए एक भाषण में कहा, "उन्होंने (बासिज) दंगाइयों से लोगों को बचाने के लिए बलिदान दिया है. बासिज की मौजूदगी दिखाती है कि इस्लामी क्रांति जिंदा है."
ईरान में सितंबर में हिजाब न पहनने पर पुलिस की सख्ती से 22 वर्षीय ईरानी-कुर्दिश महिला महसा अमीन की मौत के बाद देश के कई शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
ईरान में हिजाब के ख़िलाफ़ प्रदर्शनImage caption: ईरान में हिजाब के ख़िलाफ़ प्रदर्शन
हिरासत में महसा अमीनी की मौत के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारी गुस्से में हैं. कई शहरों में ख़ामेनेई को सत्ता से हटाने की मांग को लेकर भी प्रदर्शन हो रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों ने इस्लामी गणराज्य की वैधता के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान खामेनेई के पुतले भी जलाए थे.
हालांकि ईरान सरकार का कहना है कि अमेरिका समेत पश्चिमी देश उसके यहां लोगों को भड़का रहे हैं.
शनिवार को सोशल मीडिया में पोस्ट किए जा रहे वीडियो में प्रदर्शनकारी तेहरान स्थित कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन करते और नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं.
एक और शहर इस्फाहन में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. हालांकि रॉयटर्स इन वीडियो की पुष्टि नहीं कर सकी है.
न्यूज़ वेबसाइट सोबहमा और सोशल मीडिया पर डाले गए पोस्ट के मुताबिक़ ईरान में आंखों के 140 डॉक्टरों ने एक बयान जारी कर कहा है कि सुरक्षाबलों की ओर प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल की गई बर्डशॉट और पेंटबॉल गोलियों से लोगों की एक या दोनों आंखें खत्म हो गई हैं (bbc.com/hindi)