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पीटी उषा का निर्विरोध आईओए अध्यक्ष चुना जाना तय
27-Nov-2022 9:54 PM
पीटी उषा का निर्विरोध आईओए अध्यक्ष चुना जाना तय

नयी दिल्ली, 27 नवंबर। महान एथलीट पीटी उषा भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का अध्यक्ष बनना लगभग तय है क्योंकि 10 दिसंबर को होने वाले चुनावों में शीर्ष पद के लिए वह अकेली उम्मीदवार हैं। वह आईओए की पहली महिला अध्यक्ष होंगी।

कई एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता 58 साल की उषा 1984 के ओलंपिक 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं थी।

उन्होंने रविवार को शीर्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ उनकी टीम के 14 अन्य लोगों ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया।

आईओए चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा रविवार को समाप्त हो गयी। आईओए के चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा को शुक्रवार और शनिवार को कोई नामांकन नहीं मिला लेकिन रविवार को विभिन्न पदों के लिए 24 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किये।

खेल के अपने सुनहरे दिनों की शीर्ष धाविका उषा को आईओए के एथलीट आयोग द्वारा उत्कृष्ट खिलाड़ी (एसओएम) के तौर पर आठ में एक सदस्य में रूप में भी चुना गया है, जिससे वह निर्वाचक मंडल की सदस्य बनी।

वह आईओए के 95 साल के इतिहास में इसका नेतृत्व करने वाली पहली ओलंपियन और पहली अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता भी बनेंगी। एशियाई एथलेटिक्स में दबदबा बनाने के बाद उन्होंने 2000 में खेलों को अलविदा कहा था।

महाराजा यादविंदर सिंह के बाद खिलाड़ी के तौर पर देश का प्रतिनिधित्व करने के बाद आईओए का नेतृत्व करने वाली उषा पहली व्यक्ति है। यादविंदर ने 1934 में एक टेस्ट मैच खेला था और फिर 1938 में आईओए प्रमुख भी बने। वह आईओए के तीसरे अध्यक्ष थे। उनका कार्यकाल 1960 तक चला था।

मौजूदा चुनावों में उपाध्यक्ष (महिला), संयुक्त सचिव (महिला) के पद के लिए मुकाबला होगा। कार्यकारिणी परिषद के चार सदस्यों के लिए 12 प्रत्याशी मैदान में है।

आईओए में एक अध्यक्ष, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष (एक पुरुष और एक महिला), एक कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव (एक पुरुष और एक महिला), छह अन्य कार्यकारी परिषद सदस्यों के चुनाव के लिए होंगे। जिनमें से दो (एक पुरुष और एक महिला) निर्वाचित ‘एसओएम’ से होंगे।

कार्यकारी परिषद के दो सदस्य (एक पुरुष और एक महिला) एथलीट आयोग के प्रतिनिधि होंगे।

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अजय पटेल का वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनना तय है क्योंकि वे इस पद के अकेले उम्मीदवार भी हैं।

ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग भी एक पुरुष उपाध्यक्ष पद के एकमात्र उम्मीदवार हैं। हालांकि महिला उपाध्यक्ष के लिए राजलक्ष्मी सिंह देव और अलकनंदा अशोक ने नामांकन दाखिल किया है।

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव को कोषाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना जाएगा।

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे पुरुष संयुक्त सचिव होंगे, जबकि तीन उम्मीदवार अलकनंदा अशोक, शालिनी ठाकुर चावला और सुमन कौशिक महिला संयुक्त सचिव के एक पद के लिए चुनाव लड़ेंगी।

ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त और तीरंदाज डोला बनर्जी कार्यकारी परिषद में आठ एसओएम के पुरुष और महिला प्रतिनिधि होंगे।

शेष चार कार्यकारी परिषद सदस्यों के लिए हालांकि 12 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। इनमें शीतकालीन ओलंपियन शिवा केशवन, साइरस पोंचा, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह बाजवा, रोहित राजपाल, अमिताभ शर्मा, शालिनी ठाकुर चावला, प्रशांत कुशवाहा, विठ्ठल शिरगांवकर, परमिंदर सिंह ढींडसा, दिग्विजय चौटाला और हरजिंदर सिंह शामिल हैं।

नामांकन पत्रों की जांच मंगलवार को की जाएगी और अगले दिन वैध सूची की घोषणा की जाएगी। उम्मीदवार एक से तीन दिसंबर तक अपना नाम वापस ले सकते है। उम्मीदवारों की अंतिम सूची चार दिसंबर को प्रकाशित होगी।

उषा को ‘पय्योली एक्सप्रेस’ के नाम से जाना जाता है। उन्हें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा ने उन्हें जुलाई में राज्यसभा सदस्य के रूप में नामांकित किया था।

हाल ही में एआईएफएफ में भी ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी, जब पश्चिम बंगाल के एक भाजपा नेता और पूर्व गोलकीपर चौबे ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हुए चुनावों में अचानक उम्मीदवार के रूप में उतरे और शीर्ष पद के लिए चुने गये।

उषा देश की सबसे सफल एथलीट में से एक हैं। उन्होंने 1982 से 1994 तक एशियाई खेलों में चार स्वर्ण सहित 11 पदक जीते हैं।

उन्होंने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में सभी चार स्वर्ण (200 मीटर, 400 मीटर, 400 मीटर बाधा दौड़ और चार गुणा 400 मीटर रिले) पदक के साथ  100 मीटर में रजत भी जीता।

उषा ने 1982 नयी दिल्ली एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर में पदक जीते। उन्होंने 1983 से 1998 तक एशियाई चैंपियनशिप में कुल 23 पदक जीते।

उषा को लॉस एंजिल्स ओलंपिक 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में पदक से चूकने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है, जहां वह रोमानिया की क्रिस्टियाना कोजोकारू ने सेकंड के सौवें हिस्से से पिछड़ गयी थी।

आईओए के चुनाव उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त सेवानिवृत्त न्यायाधीश एल नागेश्वर राव की देखरेख में उनके द्वारा तैयार किए गए नये संविधान के तहत हो रहे हैं। आईओए ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से मंजूरी मिलने के बाद 10 नवंबर को नया संविधान अपनाया।

आईओए के 77 सदस्यीय निर्वाचन मंडल में लगभग 25 प्रतिशत पूर्व एथलीट हैं जिनमें ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू, गगन नारंग, साक्षी मलिक, योगेश्वर दत्त और एम एम सौम्या सहित वर्तमान और पूर्व खिलाड़ी शामिल हैं।  (भाषा)

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