कारोबार
रायपुर, 28 नवंबर। कलिंगा विश्वविद्यालय के विधि संकाय के द्वारा 23 से 24 नवंबर 2022 को भारतवर्ष में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ।
दिव्यांग व्यक्तियों के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी और उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए आयोजित इस सम्मेलन में देश के शीर्षस्थ कानूनी जानकारों के अतिरिक्त अधिकारी, प्राध्यापक, शोधछात्र एवं विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित छत्तीसगढ़ शासन के सेवानिवृत्त उपसचिव श्री राजेश तिवारी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में दिव्यांग वर्ग के लोग अभी भी उपेक्षा के शिकार हैं।सरकार के द्वारा उन्हें विशेष अधिकार प्रदान किया गया है। हमारे संविधान में उनके लिए पर्याप्त कानून भी बनाए गये हैं।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के कई महत्वपूर्ण निर्णयों के बावजूद विभिन्न सरकारें उन्हें लाभ प्रदान करने में असफल रही है।समाज के बुद्धिजीवी वर्ग और कानून के विद्यार्थियों की जागरुकताबोध से, उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।
विधि विशेषज्ञ विद्वानों की अध्यक्षता में महिलाओं के अधिकारों का संवैधानिक आयाम और भारत में प्रजनन स्वास्थ्य और उनका नीतिगत परिप्रेक्ष्य, भारत में सीखने की अक्षमता वाले विकलांग व्यक्ति की शिक्षा का अधिकार, भारत में विकलांग व्यक्तियों के रोजगार का अधिकार जैसे चालीस से अधिक शोधपत्र का वाचन किया गया।
सम्मेलन में उपस्थित विद्वान वक्ताओं ने दिव्यांगों के अधिकार के संदर्भ में महत्वपूर्ण चर्चा की। सम्मेलन के अंतिम दिन धन्यवाद ज्ञापन एवं आभार प्रदर्शन विधि संकाय की विभागाध्यक्ष श्रीमती सलोनी त्यागी ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन विधि संकाय की सहायक प्राध्यापक सुश्री नयन लोढा और सुश्री हरलीन कौर ने किया।इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति की सदस्य सुश्री पलक शर्मा,सुश्री श्रेया सिंह, श्री सिद्धार्थ शेखर,सुश्री निशा सिंह, सुश्री कृतिका मिश्रा,सुश्री एकता चंद्राकर,श्री सौम्यदीप चक्रवर्ती, सुश्री शिवांगी त्रिपाठी, सुश्री अम्बर फातिमा,सुश्री मीनाक्षी अग्रवाल, सुश्री रिशिना,श्री रंजन रे के साथ विभाग के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थें।