अंतरराष्ट्रीय
क़तर, 30 नवंबर । फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के मेज़बान के एक शीर्ष अधिकारी ने पहली बार ये स्वीकार किया है कि विश्वकप की तैयारियों में 400 से 500 मजदूरों की मौत हुई है.
ये पहला मौका है जब क़तर ने मजदूरों की मौतों को लेकर इतना बड़ा आंकड़ा दिया है. अब तक दिए गए आंकड़े इससे काफ़ी कम हुआ करते थे.
अंग्रेजी अख़बार बिज़नेस स्टेंडर्ड मेंप्रकाशित ख़बर
के मुताबिक़, क़तर के शीर्ष नेता हसन अल-थवाडी ने ब्रितानी पत्रकार पियर्स मॉर्गन को दिए इंटरव्यू में ये बात स्वीकार की है.
थवाडी ने कहा है, "ये आंकड़ा लगभग 400 से 500 के बीच है. मेरे पास सटीक संख्या तो नहीं है, लेकिन इस पर चर्चा हुई है. लेकिन साफ़ कहूँ तो एक शख़्स की मृत्यु भी बहुत ज़्यादा है."
थवाडी के मुताबिक़, मृतकों में वर्ल्ड कप के लिए स्टेडियम, सड़कें और होटल जैसे आधारभूत ढांचा खड़ा करने वाले मजदूर शामिल थे.
इससे पहले वर्ल्ड कप की तैयारियों के दौरान जान गंवाने वालों की संख्या 37 से 40 के क़रीब बताई जाती थी. इसके साथ ही क़तर कहता आया है कि इन लोगों की मौत हार्ट अटैक जैसी वजहों से हुई हैं.
साल 2010 में फ़ुटबॉल विश्व कप आयोजित कराने की मेज़बानी हासिल करने के बाद से क़तर ने अपने आधारभूत ढांचे को खड़ा करना शुरू किया है.
इसे अब तक का सबसे महंगा वर्ल्ड कप भी माना जा रहा है क्योंकि कुछ ख़बरों के मुताबिक़ इस पर 200 अरब डॉलर से भी ज़्यादा ख़र्च हुआ है.