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रायपुर, 1 दिसंबर। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. सौम्या नैयर ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी उन्होंने अपने उद्बोधन भाषण में बताया, जीवन ईश्वर की संगीतमय अभिव्यक्ति है। जीवन में सरसता संगीत के द्वारा ही संभव है।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अपनी कलात्मक प्रतिभा का परिचय देते हुए संगीतमय अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। इस अवसर पर निर्णायकगण संगीत विद्या में पारंगत सुश्री पूजा झा एवं मोहम्मद इरफान खान जी उपस्थित रहे है।
विद्यार्थियों ने कई तरह तहर के गाने गीत गाये जिसमें एकल गीत था और समूह गीत भी गाया गया। गीत जो इस प्रकार है -क्या हुआ तेरा वादा गीत प्रस्तुत किया। ये रातें ये मौसम गीत प्रस्तुत किया। नदी का किनारा प्रस्तुत किया। जब कोई बात बिगड़ जाए गीत प्रस्तुत किया। ऐ वतन मेरे आबाद रहे तू गीत प्रस्तुत किया।, जय जय ओ शंकरा गीत प्रस्तुत किया।
गुलाबी आँखें जो तेरी देखी, इक तू ही मेरा यार इन गीतों पर रीमिक्स प्रस्तुत किया। युगल गायन में साथियां ये तूने क्या किया, रात कली एक ख्वाब में आयी, गीत प्रस्तुत किया। कृष्ण भक्ति गीत प्रस्तुत किया। ये कभी न तु भुलना, गीत प्रस्तुत किया। ओ जाने जा ढूंढता फिर रहा गाने पर शानदार प्रस्तुति दी।
नई-नई बातें गीत प्रस्तुत किया। मेरी जिन्दगी सवारी मुझे गले लगाके समूह गीत प्रस्तुत किया। ये दोस्ती हम नहीं तोडेगे गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर सभी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापकगण उपस्थित थे। वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग, कम्प्यूटर साइंस विभाग, शिक्षा विभाग तथा पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों ने अपनी अनूठी रागमयी अभिव्यक्ति के द्वारा कार्यक्रम को मनोरंजक बना दिया।