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'द कश्मीर फ़ाइल्स' को प्रोपेगैंडा कहने वाले नदाव लपिड ने क्या मांगी माफ़ी
02-Dec-2022 7:09 PM
'द कश्मीर फ़ाइल्स' को प्रोपेगैंडा कहने वाले नदाव लपिड ने क्या मांगी माफ़ी

इमेज स्रोत,PIB इमेज कैप्शन, फ़िल्म निर्माता नदाव लपिड

'द कश्मीर फ़ाइल्स' को 'प्रोपेगैंडा' और 'भद्दी' फ़िल्म कहने वाले इसराइली फ़िल्म निर्माता और गोवा में हुए अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोह के चीफ़ ज्यूरी नदाव लपिड ने माफ़ी मांगी है.

हालांकि, उन्होंने फ़िल्म 'द कश्मीर फ़ाइल्स' को लेकर दिए बयान पर नहीं बल्कि लोगों को पहुंचे दुख के लिए माफ़ी मांगी है. उन्होंने कहा कि उनका मकसद कश्मीरी पंडित समुदाय या पीड़ितों का अपमान करना नहीं था.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ नदाव लपिड ने एक समाचार चैनल से कहा, "मैं किसी का अपमान नहीं करना चाहता. मेरा मकसद पीड़ितों या उनके रिश्तेदारों का अपमान करना कभी नहीं था. अगर मेरे बयान को इस तरह समझा गया है तो मैं माफ़ी मांगता हूं."

उन्होंने कहा, "लेकिन साथ ही, मैंने जो कुछ भी कहा... मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि मेरे और मेरे साथी ज्यूरी सदस्यों के लिए यह एक 'प्रोपेगेंडा' फ़िल्म थी जिसे ऐसे प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धात्मक सेक्शन में दिखाना सही नहीं था. मैं इस बात को बार-बार दोहरा सकता हूं.''

नदाव लपिड ने कहा, "कश्मीर में हुई त्रासदी के पीड़ितों, वहां से बचे लोगों और जिन्होंने भी वो पीड़ा झेली उनके लिए मेरे मन में बेहद सम्मान है. वो (मेरा बयान) इसे लेकर नहीं था. मैं ये शब्द 10 हज़ार बार दोहरा सकता हूं कि मैं कश्मीर में राजनीतिक मुद्दे, एतिहासिक समीकरण को लेकर बात नहीं कर रहा था. ना ही मैं कश्मीर की त्रासदी का अपमान कर रहा था."

"मैं फ़िल्म के बारे में बात कर रहा था और मेरे विचार में ऐसे विषय पर एक गंभीर फ़िल्म बननी चाहिए."

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लपिड ने आईएफ़एफ़आई इंटरनेशनल ज्यूरी के सदस्य सुदिप्तो सेन के उस दावे को भी ख़ारिज किया जिसमें सुदिप्तो ने कहा था कि लपिड का बयान उनकी 'निजी राय' है.

नदाव लपिड ने कहा, "वो निजी राय बिल्कुल नहीं थी. हम सभी का मानना था कि फ़िल्म में कई हेरफेर किए गए हैं और अश्लीलता, हिंसा दिखाई गई है क्योंकि इससे समाज में दुश्मनी, हिंसा और घृणा का माहौल बन सकता है."

'द कश्मीर फ़ाइल्स' निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फ़िल्म है. इस फ़िल्म को वर्ष 1990 की शुरुआत में कश्मीर में चरमपंथ के दौर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई हिंसा और पलायन पर बनाया गया है. इसे 22 नवंबर को इंडियन पैनोरमा सेक्शन में दिखाया गया था.

लपिड के बयान के बाद 'द कश्मीर फ़ाइल्स' के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री की ओर से सीधे इस मामले पर तो प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन अग्निहोत्री ने मंगलवार को ऐसा ट्वीट किया है, जिसे इस बयान से जोड़कर देखा गया.

इस मामले में फ़िल्म के अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट किया, "झूठ का क़द कितना भी ऊँचा क्यों ना हो. सत्य के मुक़ाबले में वो हमेशा छोटा ही होता है."

इस ट्वीट के साथ उन्होंने 'द कश्मीर फ़ाइल्स' और 'शिंडलर्स लिस्ट' फ़िल्म की तस्वीर शेयर की है.

'शिंडलर्स लिस्ट' साल 1994 में आई फ़िल्म है जो होलोकास्ट में फंसे यहूदियों की कहानी (द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुआ यहूदियों का नरसंहार) बयां करती है. इस फ़िल्म को बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर अवॉर्ड मिला था.

नदाव लपिड ने विवेक अग्निहोत्री के लिए कहा "मुझे पता है कि निर्देशक मुझसे नाराज़ होंगे. अगर कोई मेरी फ़िल्म के बारे में ऐसी बात कहेगा तो मुझे भी गुस्सा आएगा. अक्सर मेरी फ़िल्में काफ़ी विवादित रहती हैं. कुछ लोग उन्हें लेकर बहुत कठोर और बुरी बातें कहते हैं."

उन्होंने कहा, "फ़िल्म निर्माता को बहुत अच्छे से पता है कि सवाल तथ्यों को लेकर नहीं है. हममें से किसी ने भी (ज्यूरी में), खासतौर पर मैंने तथ्यों पर कभी संदेह नहीं किया. कश्मीर में जो कुछ हुआ उस पर कुछ कहने का मेरा अधिकार नहीं है."

लपिड के बयान का भारत में इसराइल के राजदूत नओर गिलोन ने कड़ा विरोध किया था. उन्होंने लपिड के नाम खुला पत्र लिखते हुए कहा था कि इस बयान के लिए वो शर्मिंदा हैं.

सिलसिलेवार ट्वीट कर गिलोन ने कहा, "नदाव लपिड के 'द कश्मीर फ़ाइल्स' को लेकर दिए गए बयान और उसे लेकर आलोचना पर मेरा नदाव को खुला पत्र."

"ये ख़त हिब्रू में नहीं लिख रहा हूं क्योंकि मैं चाहता हूं कि मेरे भारतीय भाई और बहन मेरी बात समझें. ये ख़त थोड़ा लंबा है इसलिए पहले मैं मुद्दे की बात कह देता हूं- 'आपको (नदाव लपिड) शर्म आनी चाहिए."

गिलोन ने लिखा, "भारतीय संस्कृति में कहा जाता है कि मेहमान भगवान होता है. आपने जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के भारतीय निमंत्रण का दुरुपयोग किया है. साथ ही भारत ने आप पर जो विश्वास किया, आपका सम्मान और आतिथ्य किया ये उसका अपमान है. हमारे भारतीय दोस्तों ने फौदा सिरीज़ के अभिनेता लियो रैज़ और निर्माता एवी इज़ाशैरोफ़ को भी बुलाया था ताकि इस सिरीज़ को सेलिब्रेट किया जाए. मुझे लगता है आपको बतौर इसराइली आमंत्रित करने का एक कारण ये भी था."

इसराइली राजदूत ने कहा, "मुझे फ़िल्मों के बारे में नहीं पता लेकिन मुझे ये पता है कि ये बयान असंवेदनशील और अभिमान से भरा हुआ है जो एक ऐतिहासिक घटना के पूरे तरह से अध्ययन के बिना दिया गया. ये भारत में एक ताज़ा घाव की तरह है जो कई लोगों को दिया गया है और कई अब तक उसकी क़ीमत चुका रहे हैं."

इसराइली राजदूत के बयान पर लपिड ने कहा, "भले ही वो (इसराइली राजदूत) अच्छे से ये बात जानते थे कि मैंने फ़िल्म के प्रोपेगैंडा होने की बात की है, फिर भी उन्होंने मुझ पर कश्मीर की त्रासदी का अपमान करने का दोषी ठहराया. वो जानते थे कि मैं फ़िल्म को एक फ़िल्म निर्माता के तौर पर देख रहा हूं."

लपिड का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और इसे लेकर लोग खूब प्रतिक्रिया दे रहे थे. लापिड ये बयान देने के बाद भारत से चले गए थे. (bbc.com/hindi)

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