अंतरराष्ट्रीय
अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई थी. उसके बाद पिछले 17 महीनों में धीरे-धीरे करके वहां महिलाओं के अधिकार सीमित किए जाने लगे, जबकि तालिबान ने ये वादा किया था कि वह अपने 90 के दौर के मुक़ाबले इस बार महिलाओं के प्रति बेहतर रवैया अपनाएंगे.
पिछले 17 महीनों में कैसे महिलाओं के अधिकार छिने गए, उस पर एक नज़र
सितंबर 2021: तालिबान ने अंतरिम सरकार की घोषणा की – जिसमें पूरी तरह से पुरुष को ही जगह दी गई, इसके तुरंत बाद उन्होंने घोषणा कर दी कि लड़कियों को माध्यमिक स्कूलों में जाने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. सरकारी विभागों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को कह दिया गया कि जब तक उनका काम करने के लिए कोई पुरुष ना तलाश लिया जाए तब तक वो घर पर ही रहें.
नवंबर 2021: तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में टीवी शो में महिलाओं के दिखाए जाने पर रोक लगा दी.
दिसंबर 2021: तालिबान ने महिलाओं को अकेले लंबी दूरी की सड़क यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाया, जिसका मतलब है कि महिलाएं बिना किसी पुरुष साथी के बाहर नहीं जा सकती हैं. अगर वो एक तय दूरी से अधिक की यात्रा कर रही हैं तो उनके साथ एक क़रीबी पुरुष रिश्तेदार होना ही चाहिए
मार्च 2022: लंबे टाल-मटोल के बाद जब अफ़ग़ानिस्तान में स्कूल दोबारा खुले तो अपने वादे से पलटते हुए तालिबान ने सेकेंड्री स्कूलों में लड़कियों के जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी.
मई 2022: महिलाओं और लड़कियों को दो दशकों से अधिक समय में पहली बार सार्वजनिक रूप से हिजाब पहनने और चेहरा ढंकने का आदेश दिया गया. उस महीने के अंत तक, महिला टीवी एंकर्स जिन्होंने ख़बर पढ़ते समय हिजाब पहनने का विरोध किया उन्हें ख़ासतौर पर आदेश किया गया कि वे हिजाब पहनें.
अक्टूबर 2022: तालिबान ने महिलाओं के यूनिवर्सिटी में कई विषय पढ़ने पर रोक लगा दी.
नवंबर 2022: महिलाओं के काबुल के किसी पार्क में जाने पर रोक लगा दी गई.
दिसंबर 2022: तालिबान ने महिला छात्रों को यूनिवर्सिटी जाने से रोका. इसके अलावा महिलाओं के ग़ैर-सरकारी संगठनों में काम करने पर भी रोक लगा दी गई. (bbc.com/hindi)