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टीम इंडिया वनडे में टॉप पर पहुँची, न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ गिल समेत ये खिलाड़ी चमके
25-Jan-2023 2:05 PM
टीम इंडिया वनडे में टॉप पर पहुँची, न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ गिल समेत ये खिलाड़ी चमके

 विधांशु कुमार 

इंदौर में भारत ने न्यूज़ीलैंड को 90 रन के बड़े अंतर से हराया, सिरीज़ में 3-0 से जीत हासिल की और साथ ही आईसीसी की वनडे क्रिकेट रैंकिंग में पहले स्थान पर क़ब्ज़ा जमाया.

आईसीसी रैंकिंग में 114 अंकों के साथ भारत नंबर वन पर है जबकि 113 अंक के साथ इंग्लैंड दूसरे, 112 अंक के साथ ऑस्ट्रेलिया तीसरे और 111 अंक के साथ न्यूज़ीलैंड चौथे नंबर पर है.

ये जीत कई मायनों में ख़ास रही. सबसे पहले न्यूज़ीलैंड से 3-0 से जीतना आसान बात नहीं थी. लेकिन इन सभी मैचों में भारत ने बड़े अंतर से जीत हासिल की.

न्यूज़ीलैंड वही टीम है जिसने 2019 के वर्ल्ड कप में भारत को भी हराया था और एक रोमांचक फ़ाइनल में इंग्लैंड से हार गई थी.

भारत से पहले न्यूज़ीलैंड की टीम पाकिस्तान के दौरे पर थी, जहाँ उन्होंने बाबर आज़म की टीम को 3 मैचों में 2-1 से मात दी थी.

ज़ाहिर है कि ब्लैक कैप्स बढ़िया आत्मविश्वास के साथ भारत आए थे, लेकिन वनडे में 3-0 की हार ने उनका हौसला भी पस्त कर दिया.

वहीं, दूसरी ओर भारतीय टीम ने श्रीलंका को 3-0 से हराने के बाद एक मज़बूत कीवी टीम को पटखनी दी.

अपने घर में लगातार छह मैच जीतने से टीम इंडिया की जीत का अच्छा सिलसिला बना है और जैसा कि विशेषज्ञ अक्सर कहते हैं कि जीत एक आदत होती है, तो टीम इंडिया ने वैसी ही आदत बनाने की कोशिश की है.

इस तरह की जीत से इसी साल भारत में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भी टीम का आत्मविश्वास बढ़ता है.

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी कहा कि वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट जीतने के लिए आपको 7-8 गेम जीतने पड़ते हैं तो उस लिहाज़ से ये रिज़ल्ट भारत के लिए अच्छी प्रैक्टिस साबित हुआ है.

शुभमन गिल की धूम

इस सिरीज़ में भारत के लिए सबसे बड़ा तोहफ़ा शुभमन गिल का फ़ॉर्म रहा. पिछले 4 मैचों में 3 शतक लगाकर गिल ने बेहतरीन फ़ॉर्म का परिचय दिया है. उन्होंने सिरीज़ में 3 मैचों में 360 रन बनाकर भारत के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाया है.

इन तीन मैचों में उनका औसत 180 का रहा जिसमें पहले मैच में 208 रनों का बड़ा योगदान रहा. न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने बताया कि गिल की बैटिंग में ज़बरदस्त टाइमिंग दिखती है और वे सिर्फ़ ताक़त का यूज़ नहीं करते.

गिल और रोहित शर्मा एक दूसरे को कंप्लीमेंट करते हैं, ख़ासकर जिस तरह के शॉट्स वो खेलते हैं और जिन एरिया में वो शॉट्स लगाते हैं.

लेकिन गिल और भारतीय टीम के लिए सबसे बढ़िया बात ये रही कि उनका स्ट्राइक रेट लगातार बेहतर होता जा रहा है.

इस सिरीज़ में उन्होंने 129 के स्ट्राइक रेट से बैटिंग की है, जो वनडे क्रिकेट में बहुत कम खिलाड़ियों का रह पाता है.

रोहित का शतक

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने पिछले मैच में अर्ध शतक लगाया था और इस मैच में सेंचुरी लगाकर अपने बैट को विश्राम दिया है.

इंदौर में रोहित शर्मा ने 85 गेंदों पर 101 रन बनाए हैं, जिसमें 6 छक्के और 9 चौके शामिल रहे.

वनडे में ये उनका 30वाँ शतक था और इसके साथ ही उन्होंने रिकी पोंटिंग के 30 शतकों की बराबरी भी कर ली है.

मैच के बाद रोहित ने कहा है कि ये सेंचुरी उनके लिए काफ़ी अहम है क्योंकि वो लंबे समय से अच्छी बैटिंग कर रहे थे लेकिन तीन फिगर के स्कोर को तरस रहे थे.

कमेंट्री के दौरान संजय मांजरेकर ने भी रोहित की तारीफ़ करते हुए कहा कि रोहित ने अपने नेचुरल अंदाज़ में तेज़ बैटिंग की जो एक अच्छा संकेत है.

बाक़ी बल्लेबाज़ों से बेहतर करने की उम्मीद

सिरीज़ में गिल और रोहित शर्मा की बैटिंग को हटा दें, तो टॉप ऑर्डर के किसी दूसरे बल्लेबाज़ ने बड़ी पारी नहीं खेली.

टीम में सिरीज़ के तीसरे सबसे बड़े स्कोरर हार्दिक पंड्या रहे जिन्होंने 2 पारियों में 82 रन बनाए.

विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन जैसे बल्लेबाजों का औसत इस सिरीज़ में 22 या उससे कम रहा जिसे आप निराशाजनक कह सकते हैं, वो इसलिए कि अगर भारतीय स्कोर से शुभमन गिल के रन निकाल दें तो शायद भारत सभी मैच हार जाता.

विराट कोहली ने जहाँ पिछली सिरीज़ में 2 शतक लगाए थे. वहीं, कीवियों के ख़िलाफ़ 3 पारियों में सिर्फ़ 55 रन बना सके.

सिरीज़ में सूर्यकुमार यादव का सर्वाधिक स्कोर 31 रहा जबकि ईशान किशन ने 3 पारियों में कुल 30 रन बनाए.

वैसे इन तीनों बल्लेबाज़ों ने इस सिरीज़ से पहले बढ़िया फ़ॉर्म दिखाया है तो भारतीय टीम उम्मीद करेगी कि वो जल्दी ही बड़े स्कोर के बीच वापस लौटेंगे.

सिराज बने मुख्य हथियार

वैसे तो शुभमन गिल के रन इस सिरीज़ में उनके बेहतरीन प्रदर्शन को इशारा करते है लेकिन उनके साथ जिस खिलाड़ी ने सबसे अहम रोल अदा किया वो थे मोहम्मद सिराज़. उन्होंने दो मैचों में 5 विकेट लिए और वो भी ऐसे समय पर जब टीम को विकेट की बेहद ज़रूरत थी.

सिराज की अच्छी बात ये है कि चाहे टेस्ट हो, टी20 या वनडे, वो सभी फ़ॉर्मेट में विकेट ले रहे हैं. उन्होंने अपने गेम में काफ़ी सुधार किया है और जसप्रीत बुमराह की ग़ैर मौजूदगी में टीम के बॉलिंग की कमान को बखूबी संभाला है.

भारतीय पिच की घरेलू स्थितियों में उन्होंने बेहद कारगर बॉलिंग की है और वर्ल्ड कप की टीम में उनका स्थान लगभग पक्का हो चुका है.

हर मौक़े पर खरे उतरे कुलदीप

कुलदीप यादव ने सिरीज़ में 5.46 की इकॉनमी के साथ 6 विकेट लिए. कप्तान रोहित शर्मा भी उनके प्रदर्शन से खुश नज़र आए और उन्होंने ये भी कहा कि किसी फ़िंगर स्पिनर को जितना ज़्यादा मैच खिलाएँगे, वो उतना ही बेहतर होता जाएगा.

अगर टीम मैनेजमेंट भी ऐसा सोच रही है तो ये अच्छा संकेत है. क्योंकि अक्सर देखा गया है कि बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद टीम से अगर किसी खिलाड़ी को निकालना होता है तो उसमें कुलदीप का नाम सबसे पहले आता है.

कुलदीप यादव के अलावा युज़वेंद्र चहल ने भी अच्छा खेल दिखाया. उन्हें सिर्फ़ आख़िरी मैच में खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 43 रन देकर 2 विकेट लिए.

इस सिरीज़ में सभी भारतीय बॉलर्स ने विकेट निकाले और सबसे बड़ी बात ये रही कि सभी मैचों में भारत ने कीवी टीम को पूरी तरह बोल्ड आउट किया जो ताक़तवर बॉलिंग का संकेत है.

ऑलराउंडर की तलाश

इस सिरीज़ में वॉशिंगटन सुंदर को बतौर ऑलराउंडर आज़माया गया. पिछले साल रवींद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद अंतिम ग्यारह में अक्षर पटेल को जगह मिली और उन्होंने बैट और बॉल दोनों से दमदार प्रदर्शन किया.

भारतीय चयनकर्ताओं को एक बैकअप ऑलराउंडर की ज़रूरत है, इसलिए इस सिरीज़ में सुंदर को मौक़े मिले.

सुंदर ने वनडे की 2 पारियों में 21 रन बनाए, जिसमें सर्वाधिक स्कोर 12 रहा. साथ ही उन्होंने बॉलिंग की 3 पारियों में 2 विकेट लिए.

बॉलिंग में ज़्यादा डिफ़ेंसिव हो जाना शायद टी20 के लिए तो ठीक है, लेकिन वनडे में ये कमज़ोरी साबित होती है.

इस हिसाब से सुंदर के लिए ये सिरीज़ मिली-जुली रही और उन्होंने अक्षर पटेल के रातों की नींद नहीं उड़ाई होगी.

शार्दुल ठाकुर

वहीं शार्दुल ठाकुर को भी एक ऑलराउंडर की तरह ही देखा जा रहा है. उन्हें काफ़ी कम मौक़े मिले हैं लेकिन उन्होंने उन मौक़ों का अच्छा फ़ायदा उठाया है.

इंदौर में खेले गए आख़िरी मैच में भी उन्होंने पहले हार्दिक पंड्या के साथ अच्छी पार्टनरशिप की.

उन्होंने 17 गेंदों में 25 रन बनाए और बैट के साथ अपनी उपयोगिता ज़ाहिर की.

उसके बाद उन्होंने कीवी टीम के 3 विकेट निकाले और भारतीय टीम को जीत की राह पर ला खड़ा किया.

शार्दुल की ख़ासियत है कि वो हमेशा विकेट लेना चाहते हैं.

हालाँकि, उनका करियर इकॉनमी 6 है जो काफ़ी ज़्यादा है, लेकिन वो टीम को लगातार ब्रेकथ्रू भी दिलवाते हैं. इसी सिरीज़ में 3 पारियों में उन्होंने 6 विकेट लिए जो कुलदीप यादव के साथ सबसे ज़्यादा साबित हुआ.

कप्तान रोहित शर्मा ने भी ठाकुर की जमकर प्रशंसा की और कहा कि टीम में लोग शार्दुल को मैजिशियन या जादूगर के नाम से पुकारते है.

वहीं टीम के स्थापित ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने बल्ले और गेंद दोनों से योगदान दिया. उन्होंने तीनों मैचों में लंबे स्पेल्स डाले जो टीम के लिए अच्छी ख़बर है क्योंकि चोट के बाद वो धीरे धीरे बॉलिंग में अपनी ज़िम्मेदारी को बढ़ा रहे थे.

हार्दिक भी अपनी बॉलिंग के फ़ॉर्म से ख़ुश दिखे और मैच के बाद उन्होंने कहा, "चोट से वापसी के बाद मेरा बॉलिंग एक्शन पहले से ज़्यादा सीधा हो गया है जिसकी वजह से मैं अब गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग करा पा रहा हूँ."

कुल मिलाकर भारत के लिए ये अच्छी सिरीज़ साबित हुई है, जिसने टीम का मनोबल काफ़ी बढ़ा दिया है.

फ़िलहाल भारतीय टीम आईसीसी की रैंकिंग में टी20 में नंबर वन टीम है और अब वनडे में भी नंबर वन टीम बन गई है.

अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ घरेलू सिरीज़ जीतकर भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में भी सबसे ऊपर आना चाहेगी. (bbc.com)

 

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