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-प्रभाकर मणि तिवारी
नई दिल्ली, 27 जनवरी । बीबीसी की दो हिस्सों में बनी 'द मोदी क्वेश्चन' डाक्यूमेंट्री की कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई स्क्रीनिंग बेहद शांतिपूर्ण रही.
इससे पहले दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में इसकी स्क्रीनिंग नहीं होने दी गई थी.
क़रीब दो सौ छात्रों ने ज़मीन पर बैठ कर इसे देखा. परिसर में एक बड़े प्रोजेक्टर के ज़रिए इसे दिखाया गया. लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया.
विश्वविद्यालय में एसएफ़आई संगठन के सचिव शुभंकर मजूमदार ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब शुक्रवार को प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में इसकी स्क्रीनिंग की जाएगी.
जादवपुर परिसर में स्क्रीनिंग का समय शाम छह बजे था. उससे पहले ही मौके पर छात्रों की भीड़ जुटने लगी थी. कुछ देर तक स्क्रीनिंग के बाद जब प्रोजेक्टर में कुछ तकनीकी दिक़्क़त पैदा हो गई तो लैपटॉप के ज़रिए स्क्रीनिंग जारी रही.
अब आज यानी 27 जनवरी को शाम चार बजे प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में इसकी स्क्रीनिंग की जाएगी. एसएफआई नेता ने बताया कि प्रबंधन से ईमेल के ज़रिए इसकी अनुमति मांगी गई है.
दिल्ली और केरल में इसकी स्क्रीनिंग का काफ़ी विरोध हो चुका है. दिल्ली के जेएनयू में तो इसे देखने वालों पर पथराव का भी आरोप है. इसी तरह केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में इस मुद्दे पर वाम संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भाजपा के बीच संघर्ष के बाद पुलिस ने कई लोगों के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए हैं. (bbc.com/hindi)