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शेयर बाजार में भारी बिकवाली से सेंसेक्स 874 अंक, निफ्टी 287 अंक लुढ़का
27-Jan-2023 7:35 PM
शेयर बाजार में भारी बिकवाली से सेंसेक्स 874 अंक, निफ्टी 287 अंक लुढ़का

मुंबई, 27 जनवरी। अडाणी समूह की कंपनियों और बैंक एवं वित्तीय शेयरों में भारी बिकवाली के साथ विदेशी निवेशकों की निकासी जारी रहने से शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में जोरदार गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 874 अंक लुढ़क गया।

बीएसई का तीस शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 874.16 अंक यानी 1.45 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 59,330.90 अंक पर बंद हुआ। यह गत 21 अक्टूबर के बाद सेंसेक्स का सबसे निचला स्तर है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 1,230.36 अंक तक गिरकर 58,974.70 अंक पर भी आ गया था।

इसी तरह एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी 287.60 अंक यानी 1.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,604.35 अंक पर खिसक गया जो पिछले तीन महीनों का निचला स्तर है। गत 23 दिसंबर के बाद निफ्टी को एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट का भी सामना करना पड़ा।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को सर्वाधिक 5.03 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। आईसीआईसीआई बैंक में 4.41 प्रतिशत, इंडसइंड बैंक में 3.43 प्रतिशत, एक्सिस बैंक में 2.07 प्रतिशत, कोटक महिंद्रा बैंक में 2.03 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक में 1.96 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.9 प्रतिशत और एचडीएफसी लिमिटेड में 1.87 प्रतिशत की गिरावट रही।

बाजार में जारी तगड़ी बिकवाली के बीच टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर बढ़त लेने में सफल रहे। कई तिमाहियों के बाद मुनाफे की स्थिति में लौटी टाटा मोटर्स के शेयरों में सर्वाधिक 6.34 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। आईटीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट भी बढ़त में रहे।

बीएसई स्मालकैप सूचकांक 1.89 प्रतिशत धराशायी हो गया जबकि मिडकैप सूचकांक में 1.29 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "एशिया के सबसे धनी उद्यमी की कंपनियों के बारे में एक प्रतिकूल शोध रिपोर्ट आने से भारतीय बाजार में तेज गिरावट आई। इस समूह को कर्ज देने वाले बैंकों पर जोखिम बढ़ने से बैंक शेयरों पर भी असर देखा जा रहा है। निजी बैंकों की तुलना में सार्वजनिक बैंकों पर इसकी मार अधिक पड़ी।"

नायर ने कहा कि आम बजट के पहले और आसन्न फेडरल रिजर्व बैठक के पहले विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के सजग रुख अपनाने से भी घरेलू बाजारों में भारी गिरावट की स्थिति बनी।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध उप-प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, "अडाणी समूह की कंपनियों और बैंक शेयरों में भारी बिकवाली होने से सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांक तीन महीनों के निचले स्तर पर आ गए। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में गंभीर अनियमितता के आरोप लगने के बाद अडाणी समूह के शेयरों को तगड़ा नुकसान हुआ है।"

बिकवाली के असर में अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर 20 प्रतिशत तक टूट गए। दो दिन पहले ही अमेरिकी निवेश शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर इस समूह पर अनुचित कारोबार से संबंधित गंभीर आरोप लगाए थे।

अडाणी समूह की प्रतिनिधि कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज शुक्रवार को ही 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लेकर आई लेकिन बिकवाली के जोर में उसके शेयर 18.52 प्रतिशत तक लुढ़क गए। इसी तरह अडाणी पोर्ट्स 16 प्रतिशत, अडाणी पावर पांच प्रतिशत, अडाणी ग्रीन एनर्जी 19.99 प्रतिशत और अडाणी टोटल गैस 20 प्रतिशत तक लुढ़क गईं।

इस तरह दो कारोबारी दिनों में ही अडाणी समूह की कंपनियों के पूंजीकरण में 4,17,824.79 करोड़ रुपये की भारी गिरावट आ चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा 1,04,580.93 करोड़ रुपये का नुकसान अडाणी टोटल गैस को हुआ है। अडाणी विल्मर के भी पूंजीकरण में 7,258.7 करोड़ रुपये की कमी आई है।

एशिया के अन्य बाजारों में सोल, टोक्यो और हांगकांग के सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए।

यूरोप के शेयर बाजारों में भी बढ़त का रुख देखा जा रहा था। एक दिन पहले अमेरिकी बाजार भी लाभ में रहे थे।

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.35 प्रतिशत चढ़कर 88.65 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

इस बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से निकासी जारी रखी है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक एफआईआई ने बुधवार को 2,393.94 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की थी।

गणतंत्र दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को बाजार बंद था। (भाषा)

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