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राज्यपाल से विस्तृत जांच के लिए अनुमति देने आग्रह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 जनवरी। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को राज्यपाल की गैर मौजूदगी में राजभवन के अफसर को ज्ञापन सौंपकर पूर्व सीएम रमन सिंह की संपत्ति की जांच के लिए अनुमति देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि एसीबी ने प्रारंभिक जांच में रमन सिंह, और उनके परिवार द्वारा अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने की शिकायत को सही माना है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे, संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद, और आरपी सिंह की अगुवाई में राज्यपाल के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि वर्ष 1998 में कवर्धा से विधानसभा चुनाव में हारने के बाद डॉ. रमन सिंह कर्ज में डूबे हुये थे। वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री बनने तक भी वे एक मध्यमवर्गीय संयुक्त परिवार के सदस्य ही थे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 प्रथम बार विधानसभा चुनाव के दौरान डॉ. रमन सिंह द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार उनके पास मात्र 1 करोड़ की कुल संपत्ति थी। जो वर्ष 2013 में बढक़र 5 करोड़ तथा 2018 में 10.72 करोड़ रू हो गयी। इसी तरह रमन सिंह के पुत्र अभिषाक सिंह यानि अभिषेक सिंह द्वारा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जानकारी दी गई कि उनकी कुल संपत्ति 4.41 करोड़ की है। पूरे राज्य कि जनता जानती है कि पिता पुत्र द्वारा कोई ज्ञात व्यवसाय नही किया जाता है। उसके बाद भी उनकी संपत्ति में कई गुना बढ़त होना भ्रष्टाचार का प्रामाणिक उदाहरण है।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि अभिषेक सिंह द्वारा कभी यह जानकारी नही दी गई कि उनके नाम पर गढ़ मुक्तेश्वर (उत्तराखण्ड) में करोड़ों का रिसार्ट था। जिसे उन्होंने लोगों की आंख में धूल झोकने के लिये 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले अपनी पारिवारिक सदस्य के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था। यह संपत्ति भी संभवत: डॉ. रमन सिंह द्वारा ही कय की गयी थी, क्योंकि अभिषेक सिंह की आय का कोई ज्ञात जरिया नहीं था। अभिषाक सिंह यानि अभिषेक सिंह 3 कंपनियों के डायरेक्टर है, लेकिन प्रत्यक्षत: इन कंपनीयों द्वारा कोई कारोबार नहीं किया गया है। बल्कि ये कंपनिया केवल अवैध राशि को वैध करने का जरिया मात्र थी।
उक्त तथ्यों के साथ प्राप्त शिकायत की जांच में एसीबी द्वारा यह प्रारंभिक निष्कर्ष दिया गया है कि डॉ. रमन सिंह एवं उनके परिवार के विरूद्ध अनुपातहीन सम्पत्ति धारित करने के आरोप सत्य प्रतीत होते है प्रकरण की विस्तृत जांच हेतु विधि के प्रावधानों के अनुरूप अनुमति हेतु राज्यपाल को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। राज्यपाल से अग्राह किया गया कि राज्य की गरीब जनता के हितों को देखते हुये जांच हेतु अनुमति तत्काल प्रदान करने की कृपा करें।