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अदानी ग्रुप के हाइफा पोर्ट प्रोजेक्ट को इसराइल के पीएम ने बताया 'मील का बड़ा पत्थर'
31-Jan-2023 9:56 PM
अदानी ग्रुप के हाइफा पोर्ट प्रोजेक्ट को इसराइल के पीएम ने बताया 'मील का बड़ा पत्थर'

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने अदानी समूह के साथ हाइफा पोर्ट समझौते को 'मील का बहुत बड़ा पत्थर' करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस बंदरगाह विकास परियोजना से भारत और इसराइल के बीच कई तरह से संपर्क बढ़ेगा.

शिपिंग कंटेनर्स और क्रूज़ शिपों के आवागमन के मामले में पोर्ट ऑफ़ हाइफा इसराइल का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है.

अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अदानी के साथ पोर्ट बुक पर दस्तखत करने के बाद बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, "मुझे लगता है कि ये मील का बहुत बड़ा पत्थर है...."

उन्होंने कहा, "सौ साल से भी ज़्यादा समय पहले और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वे बहादुर भारतीय सैनिक ही थे जिन्होंने हाइफा शहर को आज़ाद कराने में मदद की थी. और आज, वो एक बेहद मजबूत भारतीय निवेशक हैं, जो हाइफा पोर्ट को नए मुकाम पर ले जाने में मदद कर रहे हैं."

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि उनकी भारतीय समकक्ष और अपने अच्छे दोस्त नरेंद्र मोदी से हमारे दोनों देशों के बीच कई तरीकों से, ट्रांसपोर्ट लाइन, एयर रूट्स और समंदर के रास्ते कनेक्टिविटी बढ़ाने के नज़रिये पर बात हुई है... और आज ये हो रहा है.

उन्होंने कहा कि जो आज हो रहा है, उसकी ऐतिहासिक अहमियत है क्योंकि हम शांति की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम देख रहे हैं.

पीएम नेतन्याहू ने कहा कि ये इलाक़ा आने और जाने का एक प्वॉइंट बन जाएगा. इसके कारण अब माल बिना अरब प्रायद्वीप का चक्कर लगाए और बिना तीन 'चोक प्वॉइंट' से गुजरे हुए सीधे भूमध्य सागर और यूरोप पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि सीधा कहें तो यह बहुत ही अच्छा निवेश है.

अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड) और इसराइल के गादोट ग्रुप के कंसोर्शियम ने पिछले साल जुलाई में हाइफा पोर्ट के निजीकरण का टेंडर 1.18 अरब डॉलर में हासिल किया था.

इस साल 11 जनवरी को अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई जिसके बाद बंदरगाह के विकास का काम शुरू हो गया है.

इस कंसोर्शियम में भारतीय साझीदार अदानी पोर्ट्स की 70 फ़ीसदी की साझीदारी है जबकि इसराइली कंपनी गादोट ग्रुप के पास 30 फ़ीसदी है.

गौतम अदानी की कंपनी भारत में 13 सी टर्मिनल्स को नियंत्रित करती है और इन पोर्ट्स के जरिए भारत का 24 फीसदी सामुद्रिक व्यापार होता है.

हाइफ़ा पोर्ट के अधिग्रहण के ज़रिए इसराइल में अदानी के प्रवेश को 'रणनीतिक ख़रीद' क़रार दिया जा रहा है.

इसराइल में यह संभवत: किसी भी सेक्टर में सबसे बड़ा विदेशी निवेश है.

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