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2.2 लाख करोड़ रुपये का मतलब
03-Feb-2023 8:54 AM
2.2 लाख करोड़ रुपये का मतलब

-सुदीप ठाकुर

न्यूयॉर्क की इन्वेस्टर रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के बाजार पूंजीकरण में सौ अरब डॉलर या करीब 8,30,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर अपने शेयरों के साथ हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात की है। हालत यह है कि अदाणी समूह को अपने बहुचर्चित 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को बिक्री के बाद वापस लेना पड़ा है।

2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अदाणी समूह ने लगातार विकास किया है। अदाणी समूह आज हर जगह है। कोयला से लेकर बिजली तक। हवाई अड्डे से लेकर बस अड्डे तक। सीमेंट से लेकर आटा तक। आखिर अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी पिछले हफ्ते तक दुनिया के दूसरे अमीर व्यक्ति यों ही नहीं थे।  

कॉर्पोरेट और औद्योगिक घरानों का कारोबार कर्ज से चलता है, यह किसी से छिपा नहीं है। अदाणी समूह कोई अपवाद नहीं है। कॉर्पोरेट घरानों के कर्ज में सरकारी बैंकों से लेकर निजी क्षेत्र के कर्ज शामिल होते हैं। उनकी पूंजी आम निवेशकों के जरिये शेयर के रूप में भी आती है। लिहाजा कॉर्पोरेट जगत का कर्ज भी अजूबा नहीं है।

दरअसल कॉर्पोरेट जगत का कर्ज ही आगे चलकर बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की गैरनिष्पादित संपत्ति यानी एनपीए में बदल जाता है। यह अलग बात है कि कॉर्पोरेट जगत के लिए दीवालिया होने के चोर दरवाजे भी मौजूद हैं।

31 मार्च 2022 को पूरे हुए वित्त वर्ष में अदाणी समूह का कुल कर्ज 40 फीसदी बढ़कर 2.2 लाख करोड़ रुपये हो गया।
आखिर इस 2.2 लाख करोड़ रुपये का मतलब क्या होता है? आइये जरा देखने की कोशिश करते हैं कि 2.2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा आखिर आम भारतीय के लिए क्या मायने रखता हैः

- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए ग्रामीण भारत में रोजगार की संवैधानिक गारंटी देने वाले मनरेगा के बजट में पिछले साल की तुलना में कटौती कर इसे 73,000 करोड़ रुपये से घटाकर 2023-24 के लिए 60,000 करोड़ रुपये कर दिया है। अदाणी समूह के 2.2 लाख करोड़ रुपये से तुलना करें, तो इस कर्ज से करीब चार साल तक मनरेगा को चलाया जा सकता है।  

- मार्च 2020 में शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीजीकेएवाई) पर 3,91,000 करोड़ रुपये खर्च हुए। 31 दिसंबर, 2022 को इस योजना को बंद कर उसकी जगह एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) के तहत 81.35 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने का एलान किया गया, जिस पर 2,00,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यानी 2.2  लाख करोड़ रुपये का कर्ज इस योजना को एक साल तक चला सकता है।

- उत्तर प्रदेश का 2022-23 का कुल बजट 6,15,000 करोड़ रुपये का था। यानी यह 2.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देश के सबसे बड़े सूबे के एक तिहाई बजट के बराबर है।
- तमिलनाडु का 2022-23 का कुल बजट 3,33,251 करोड़ रुपये का था। इसी तरह से पश्चिम बंगाल का बजट भी करीब 3,21,030 करोड़ रुपये था। यानी इस 2.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज इन दो राज्यों के बजट के 66-66 फीसदी के बराबर है।

- महाराष्ट्र का 2022-23 का कुल बजट 4,95,405 करोड़ रुपये का था। यानी यह 2.2 लाख करोड़ रुपये देश के समृद्ध राज्य महाराष्ट्र के बजट के करीब आधे के बराबर है।  
- छत्तीसगढ़ का 2022-23 का कुल बजट 1,04,000 करोड़ रुपये का था। यानी यह 2.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उस प्रदेश छत्तीसगढ़ के सालाना बजट से दोगुना के बराबर है, जहां अडानी समूह की अनेक कोयला खदानें हैं।  

-गुजरात का 2022-23 का कुल बजट 2,43, 965 करोड़ रुपये का था। यानी यह 2.2 लाख करोड़ रुपये अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के गृह प्रदेश के बजट से थोड़ा ही कम है।
- देश की सबसे अमीर नगरपालिका बृहनमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) का 2022-23 का कुल बजट 45949.21 करोड़ रुपये का था। यानी यह 2.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बीएमसी के पांच साल के बजट के बराबर है।

- सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के मुताबिक मई, 2019 में हुआ लोकसभा चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव था। इस पर करीब 60, 000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जिसमें चुनाव आयोग और तमाम राजनीतिक दलों द्वारा किए गए खर्च शामिल थे। जैसा कि मैंने शुरुआत में जिक्र किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल मनरेगा के लिए भी 60,000 करोड़ रुपये ही रखे हैं। यानी इस कर्ज के 2.2 लाख करोड़ रुपये से आप चाहें, तो मनरेगा जैसी योजना चार साल तक चला लें या चार आम चुनाव करवा लें!

हालांकि यह मैं आप पर छोड़ रहा हूं कि अगले साल 2024 में होने वाले आम चुनाव पर होने वाले खर्च का आकलन आप करें, पर ध्यान रहे यह बहुत महंगा होने जा रहा है।
नोटः यहां दिए गए आंकड़े मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी वेबसाइट्स से लिए गए हैं। ये आंकड़े गूगल करने पर सहजता से मिल जाएंगे।

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