अंतरराष्ट्रीय

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कश्मीर एकता दिवस के मौक़े पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भारत प्रशासित जम्मू और कश्मीर में भारत सरकार के चुनावी क्षेत्रों की परिसीमन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए लाखों ग़ैर-कश्मीरियों को मतदाता सूची में शामिल करने का आरोप लगाया है.
कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच के संघर्ष में मारे गए लोगों की याद में पाकिस्तान द्वारा हर साल 5 फ़रवरी को मनाए जाने वाले 'कश्मीर एकता दिवस' पर ज़रदारी ने भारत की कड़ी आलोचना की है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के ट्विटर हैंडल से पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा है, "5 अगस्त, 2019 की अपनी अवैध और एकतरफ़ा कार्रवाइयों से भारत ने अवैध कब्ज़े वाले जम्मू और कश्मीर के लोगों को दबाने का एक नए अध्याय की शुरुआत की है."
उन्होंने आरोप लगाया, "भारत की सत्तारूढ़ सरकार का उद्देश्य, चुनावी क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन करके, लाखों ग़ैर-कश्मीरियों को डोमिसाइल सर्टिफ़िकेट जारी करके और मतदाता सूची में सैकड़ों-हज़ारों ग़ैर-कश्मीरियों को जोड़कर, कश्मीरियों को उनकी ही ज़मीन पर अधिकारहीन अल्पसंख्यक में बदलना है."
उन्होंने भारतीय सेना की 'घेरेबंदी और तलाशी मुहिम' में लगातार हो रही वृद्धि का दावा करते हुए आरोप लगाया है कि इससे कश्मीर के लोग लगातार भय के माहौल में जी रहे हैं. उन्होंने राजनीतिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया है.
बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने 'भारतीय कश्मीरियों' के कथित अत्याचार पर कहा है कि पाकिस्तान इस पर चुप नहीं रह सकता.
उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर पाकिस्तान की विदेश नीति का अहम अंग बना रहेगा.
पाकिस्तानी सेना की श्रद्धांजलि
वहीं पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आईएसपीआर के महानिदेशक के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में जम्मू और कश्मीर के कथित संघर्ष में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई है.
इस ट्वीट में लिखा गया, "पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ कमेटी के चेयरमैन, सेना प्रमुख और वायुसेना, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप आत्मनिर्णय के अपने अधिकारों के लिए आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले बहादुर कश्मीरियों को श्रद्धांजलि देते हैं."
इसमें कहा गया है, "कितना भी मानवाधिकार उल्लंघन और उत्पीड़न कश्मीरियों की आज़ादी की भावना को दबा नहीं सकता." (bbc.com/hindi)