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पाकिस्तान के पूर्व सैनिक शासक जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ के निधन पर उनके दोस्तों और विरोधियों ने संवेदना प्रकट की है. प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि खुदा उनकी आत्मा को शांति दे.
79 वर्षीय मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान में चल रहे आपराधिक मुक़दमों की वजह से ज़िंदगी का आख़िरी वक़्त संयुक्त अरब अमीरात में गुजारा. दुबई के अमेरिकन हॉस्पिटल में रविवार को उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.
राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, प्रेसीडेंट आरिफ़ अल्वी ने भी पूर्व राष्ट्रपति के परिजनों को अपनी संवेदना भेजी है. इस बयान में कहा गया है, "राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी ने पूर्व राष्ट्रपति और आर्मी चीफ़ (रिटायर्ड) परवेज़ मुशर्रफ़ के निधन पर शोक व्यक्त किया है."
साल 1999 के तख़्तापलट में परवेज़ मुशर्रफ़ के निशाने पर आए प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भी उनके निधन पर अपनी संवेदनाएं जताई हैं और कहा है कि वे मरहूम के लिए दुआ कर रहे हैं.
परवेज़ मुशर्रफ़ को कारगिल युद्ध का चीफ़ आर्किटेक्ट माना जाता था. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा के दौरान हुए नवाज़ शरीफ़ के साथ ऐतिहासिक समझौते के कुछ ही महीनों के भीतर कारगिल युद्ध छिड़ गया था.
कारगिल की नाकामी के बाद जनरल मुशर्रफ़ ने 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को तख़्तापलट के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया था. वे 1999 से साल 2008 तक पाकिस्तान में हुक्मरान के ओहदे पर रहे- पहले मुल्क के चीफ़ एग़्जिक्यूटिव और फिर राष्ट्रपति के तौर पर.
सत्ता से बेदखल होने के बाद नवाज़ शरीफ़ को पाकिस्तान की एक अदालत ने किडनैपिंग, हाईजैकिंग और करप्शन के केस में उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई. इसके बाद नवाज़ शरीफ़ और उनके परिवार को सऊदी अरब निर्वासित होना पड़ा.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी के बेटे अली मूसा गिलानी ने एक ट्वीट में कहा, "मुशर्रफ़ गुजर गए... लोकतंत्र ज़िंदा है. जो लोग इस मक़सद के लिए मर गए, वे आज ज़िंदा हैं. मुशर्रफ़ की हुकूमत ने न केवल मेरे पिता की ज़िंदगी के पांच साल ले लिए बल्कि मेरे जैसे बहुत से लोगों का बचपन भी छीन लिया."
गिलानी को पाकिस्तान के एंटी-करप्शन कोर्ट ने यूसुफ़ रज़ा गिलानी को छह साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी.