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नई दिल्ली, 6 फरवरी । 2019 के मध्य में हांगकांग में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ सुनवाई सोमवार से शुरू हो गई है.
अपने क़िस्म की इस सबसे बड़ी सुनवाई में क़रीब 47 लोगों के ख़िलाफ़ विवादास्पद नेशनल सिक्योरिटी क़ानून का उल्लंघन करने के आरोप हैं.
हांगकांग के जिन लोगों पर ये मुक़दमे चलेंगे, उनमें शहर के सबसे प्रमुख लोकतंत्र समर्थक चेहरे शामिल हैं. जोशुआ वॉन्ग, बेनी ताई जैसे नाम इनमें प्रमुख हैं.
इन सब पर अनाधिकारिक प्राइमरी चुनाव (लेजिस्लेटिव इलेक्शन लड़ने के लिए उम्मीदवारों का चयन करने वाला चुनाव) कराकर सरकार का तख़्तापलट करने के आरोप लगाए गए हैं.
मुक़दमों का सामना करने वालों में से ज़्यादातर नेशनल सिक्योरिटी को ख़तरा पहुंचाने के आरोप में पिछले दो साल से हिरासत में है.
सोमवार को पश्चिम काउलून मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर, जहां इन अभियुक्तों के मामलों की सुनवाई हो रही है, वहां इनके समर्थक लंबी क़तारों में इकट्ठे थे.
वहीं कई लोग कोर्ट के बाहर तख़्ती लेकर इस ट्रायल का विरोध कर रहे थे. इन तख़्तियों पर 'यह निर्लज्ज कार्रवाई है' और 'राजनीतिक क़ैदियों को तुरंत रिहा करो' जैसे नारे लिखे हुए थे.
आरोप लगाया गया है कि अनाधिकारिक प्राइमरी चुनाव कराकर सरकार का तख़्तापलट कराने की कोशिश की गई.
आलोचकों का दावा है कि यह क़ानून असहमति की आवाज़ दबाने के लिए बनाया गया है.
हालांकि चीन और हांगकांग के अधिकारियों का कहना रहा है कि अशांति से निपटने के लिए इस क़ानून को लाया गया था. (bbc.com/hindi)